स्वरुपानंद में स्वस्थ जीवन कार्यशाला

hansa-shuklaभिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको भिलाई में ‘आरोग्यम- स्वस्थ जीवन जीने की कला’ विषय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुये श्रीमती श्वेता दवे ने बताया आपाधापी व व्यस्ततम जीवनशैली के कारण हमारा जीवन तनावपूर्ण होते जा रहा है। हमारे पास न हमारे लिये समय है न अपनों के लिए परिणाम स्वरुप, मानसिक, तनाव, अवसाद व शारीरिक थकान सामान्य बता हो गई है। इस परिपे्रक्ष्य में स्वस्थ जीवन जीने की कला विशय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया है।
प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा समसामयिक विषय पर व्याख्यान माला का आयोजन प्राध्यापकों के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा आज की अव्यवस्थित जीवनचर्चा एवं खराब खान-पान की वजह से हम अनेक बीमारियों के शिकार होते जा रहे है।
आरोग्यधाम नगपुरा के डायरेक्टर संदीप जैन ने कहा आज का अखबार कल रद्दी हो जाता है पर हम उससे कुछ पैसे कमा लेते हैं, परन्तु अरबों रुपये देकर भी हम स्वस्थ्य जीवन नहीं पा सकते। ऐसे बहुमूल्य स्वास्थ्य को हम अपने खराब खान-पान से बीमारियों की ओर धकेल दे रहे हैं। उन्होंने बताया कब्ज, गैस, एसीडिटी का मुख्य कारण पानी पीने का गलत तरीका हैं। सुबह उठते ही एक से सवा लीटर पानी खाली पेट पीना चाहिए। खाना खाने के एक घंटा पैंतालिस मिनट तक पानी नहीं पीना चाहिए। सूर्योदय के तीन घंटे तक सुबह का नाश्ता कर लेना चाहिये। सूर्योदय के चार घण्टे के अंदर तक भोजन ग्रहण करना मनुष्य को दीर्घायु बनाता है। उन्होंने बताया डाइटिंग का मतलब कम खाना नहीं अच्छा खाना होता है, खाने को अच्छे से चबा-चबा कर खाना चाहिए।
संदीप जैन ने मोटापे को सारी बीमारियों की बताते हुए कहा प्रकृति की शरण में जाकर अपनी जीवन शैली में सुधार लाकर हम मोटापा पर नियंत्रण कर सकते हैं। मोटापा दूर करने की दवाइयों पर व्यंग्य करते हुये उन्होंने कहा सोशियल मीडिया में उपजा प्यार और पाउडर खाकर बनायी गयी बॉडी कभी नहीं टिकती। उन्होंने बताया रात में 1 चम्मच जीरा, एक चम्मच अजवाईन, एक चम्मच दाल चीनी पाउडर भिगा कर रख ले सुबह उसे उबालकर छान कर पी लें। इससे शरीर के विषैले पदार्थ निकल जाते हैं व मोटापा कम करने में सहायता मिलती हैं।
कार्यक्रम में स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय व अन्य महाविद्यालय के प्राध्यापक/प्राध्यापिकायें उपस्थित हुये। मंच संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन स.प्रा. श्रीमती श्वेता दवे ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में स.प्रा. योगेश देशमुख ने विशेष योगदान दिया।

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