कन्या महाविद्यालय में इंडक्शन प्रोग्राम

kanya-mahavidyalayaदुर्ग। शासकीय डॉ वामन वासुदेव पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के तत्वावधान में इंडक्शन प्रोग्राम का आयोजन किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सुशील चन्द्र तिवारी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि अनुशासन शिक्षा की महत्वपूर्ण सीढ़ी है। हमें महाविद्यालय में अनुशासन के साथ अध्ययन करना है जो जीवन में हमेशा साथ रहेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने के लिए नहीं बल्कि व्यक्तित्व एवं कौशल विकास का माध्यम है जिसके जरिए हम रोजगार प्राप्त करने में सक्षम होते हैं। महाविद्यालय के विकास में विद्यार्थियों की अहम भूमिका होती है जिसके लिए सभी कृत संकल्प रहें। आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ की संयोजक डॉ अमिता सहगल ने छात्राओं को 75 प्रतिशत उपस्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि अध्ययन के साथ साथ विभिन्न गतिविधियों में भागीदारी आवश्यक है। विद्यार्थी जीवन दुबारा प्राप्त नहीं होता है, अत: सक्रिय भागीदारी से आप अपना सर्वांगीण विकास कर सकते हैं।
डॉ मिलिन्द अमृतफले ने महाविद्यालय में प्रदर्शनात्मक कला में प्रतिभावान छात्राओं की जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि छात्राएं चित्रकला, नृत्य संगीत की विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेकर राष्ट्रीय स्तर तक अपनी कला का प्रदर्शन कर सकती हैं। राष्ट्रीय सेवा योजना अधिकारी डॉ यशेश्वरी ध्रुव ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना छात्राओं को राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव के साथ व्यक्तित्व विकास में सहायक होने की प्रेरणा देती है। वृक्षारोपण, मतदाता जागरूकता, स्वच्छता अभियान आदि केन्द्र की योजना को छात्राओं द्वारा क्रियान्वित किया जाता है। जिसमें महाविद्यालय के समस्य प्राध्यापकों एवं समस्त कर्मचारियों का विशेष सहयोग रहता है। साहित्यिक प्रभारी श्रीमती ज्योति भरणे ने वर्ष भर संचालित विभिन्न साहित्यिक गतिविधियों की जानकारी देते हुए छात्राओं को साहित्यिक अभिरूचि जागृत करने हेतु प्रोत्साहित किया। डॉ मीनाक्षी अग्रवाल छात्रसंघ प्रभारी ने छात्राओं को महाविद्यालय चुनाव प्रक्रिया से अवगत कराया एवं सही प्रतिनिधि का सोच समझकर चुनाव करने एवं अपने मतों का उपयोग करने का सुझाव दिया। ग्रंथपाल श्रीमती रीता शर्मा ने महाविद्यालय के ग्रंथालय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यहां का ग्रांथालय औपचारिक एवं अनौपचारिक शिक्षा का केन्द्र है। यह अत्यंत समृद्ध है। विषय से संबंधित पुस्तकों के अलावा अनेक पत्र पत्रिकाएं उपलब्ध हैं, जिससे छात्राएं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकती हैं एवं अपनी जिज्ञासाओं को पूर्ण कर ज्ञान प्राप्त कर सकती हैं। क्रीड़ाधिकारी डॉ ऋतु दुबे ने छात्राओं को खेल के प्रति प्रोत्साहित करते हुए कहा कि महाविद्यालय में खेल की सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं जिससे छात्राएं अपने आप को राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी बना सकती हैं एवं खेलों के माध्यम से अपने व्यक्तित्व को विकसित कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि परिन्दे की तरह उड़ान भरो किन्तु दोनों पैर जमीन पर टीका के रखो अर्थात जीवन की वास्तविकता को कभी न भूलो। डॉ रेशमा लोकेश ने इन पंक्तियों के साथ आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में डॉ अलका दुग्गल, डॉ शशि कश्यप स्नातक एवं स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष की समस्त छात्राएं उपस्थित रहीं।

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