दीपक चन्द्राकर के अवदान को सराहा

व्यक्तित्व व कृतित्व पर केन्द्रित पुस्तिका विमोचित
Lokrang Arjundaभिलाई। ‘लोकरंग अरजुन्दा’ के संस्थापक-संचालक दीपक चन्द्राकर पर केन्द्रित पुस्तिका का विमोचन एक सादे समारोह में हुआ। वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व के विविध पहलुओं के साथ कृतित्व पर चर्चा करते हुए लोककला जगत में उनके अवदान की सराहना की। सभी ने माना कि दीपक चन्द्राकर ने लोकमंच की दुनिया को अत्यंत निष्ठा और समर्पण के साथ समृद्ध किया है। इस अवसर पर देश की प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका ‘सापेक्ष’ के संपादक महावीर अग्रवाल ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि मैं यहां दीपक भाई के काम को सलाम करने आया हँू। उन्होंने लोकरंग को नई ऊंचाइयां दी। दीपक जी को उनका ‘गम्मतिहाÓअमर कर सकता है। वे अगर लोकरंग के संचालक नहीं होते तब भी एक बड़े कलाकार होते।वरिष्ठ संस्कृति कर्मी व चिंतक लक्ष्मण चन्द्राकर ने कहा-दीपक ने छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति को लोकरंग के जरिए अत्यंत समृद्ध किया है। वे गाफिल से लगते रहे हैं लेकिन लोककला जगत में उनका योगदान बेहद महत्वपूर्ण है। शैलजा ने कहा कि दीपक जी के साथ उनकी लंबी मंचीय यात्रा रही है और उनके साथ ‘लोरिक चन्दाÓ के रूप में एक यादगार प्रस्तुति देने पर उनको हमेशा गर्व रहेगा।
गीतांजलि संगीत शिक्षण समिति की अध्यक्ष श्रीमती शारदा रामटेके ने कहा कि दीपक ने अपने नाम के अनुरूप लोकमंच को रौशन किया है। उन्होंने कुछ कविताएं भी सुनाई। वरिष्ठ संस्कृति कर्मी नारायण चन्द्राकर ने कहा कि दीपक एक ऐसी शख्सीयत हैं जिनसे पहली बार ही मिलने वालों को अच्छा लगता है। लोकरंग के माध्यम से उनका योगदान वाकई अत्यंत प्रशंसनीय है। राधेश्याम चन्द्राकर ने कहा कि दीपक जी जितने अच्छे कलाकार हैं उतने ही अच्छे इंसान भी हैं।
आर्ट आफ लिविंग से जुड़े हरजीत सिंह ने कहा कि दीपक चन्द्राकर ने जो वातावरण बनाया है वह केवल पैसों से नहीं बनाया जा सकता, इसके लिए बुद्धि के पार जाकर दिल से काम करना पड़ता है। सीनियर आर्टिस्ट डॉ. सुनीता वर्मा, लोकरंग के संगीतकार पुरानिक साहू, गायिका लक्ष्मी नान्द्रे, उद्घोषक घेवर यादव ने भी अपने आत्मीय अनुभव सुनाए।
दीपक चन्द्राकर ने कहा कि मैं अपने गुरु वरिष्ठ रंग निर्देशक रामहृदय तिवारी के बिना कुछ नहीं होता। उन्होंने लोकनाट्य को नई दिशा दी। लक्ष्मण चन्द्राकर ने उनको लोकमंच से जोड़ा। पुरानिक साहू, सतीश साहू सहित लोकरंग के सभी कलाकार ने उनकी पहचान को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
ज्ञात हो कि विमोचित पुस्तिका ‘लोकमंच का दुलारा-दीपक चन्द्राकरÓ के संपादक वरिष्ठ निर्देशक रामहृदय तिवारी, प्रकाशक डॉ.विनायक मेश्राम और सहसंपादक राजेन्द्र सोनबोइर हैं। कार्यक्रम में श्रीमती तृप्ति चन्द्राकर, चन्द्रशेखर पंवार, लोकरंग के प्रबंधक सत्कार पटेल, सह प्रबंधक दिनेश यादव, नेहा मानिकपुरी सहित अनेक कलाकार उपस्थित थे। संचालन डॉ.विनायक मेश्राम ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *