वृंदावन के इस मंदिर में दिन में मनाया जाता है श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव

वृंदावन के इस मंदिर में दिन में मनाया जाता है श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव वृंदावन। जन्माष्टमी पर दुनियाभर में भले ही अद्र्धरात्रि में कान्हा का जन्मोत्सव मने, लेकिन राधारमण मंदिर में यह पर्व दिन मनाया जाता है। मंदिर में 475 साल पुरानी परंपरा के अनुसार 15 अगस्त को दिन में जन्मोत्सव होगा।वृंदावन। जन्माष्टमी पर दुनियाभर में भले ही अद्र्धरात्रि में कान्हा का जन्मोत्सव मने, लेकिन राधारमण मंदिर में यह पर्व दिन मनाया जाता है। मंदिर में 475 साल पुरानी परंपरा के अनुसार 15 अगस्त को दिन में जन्मोत्सव होगा। दरअसल, मंदिर में ठाकुर राधारमणलाल जू का श्रीविग्रह है। सेवायत पदमलोचन गोस्वामी बताते हैं कि राधारमण लाल जू के प्राकट्यकर्ता आचार्य गोपाल भट्ट को वैशाख पूर्णिमा को भोर में चार बजे स्वप्न आया कि उनके आराध्य सालिगराम ने पूर्णरूप आकार ले लिया है। आचार्य भट्ट ने जब सुबह उठकर आराध्य सालिगराम के दर्शन किए तो उनका स्वरूप पूर्ण श्रीविग्रह में तब्दील हो चुका था। तभी से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मंदिर में दिन में मनाने की परंपरा शुरू हो गई। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर मंगलवार को राधारमण मंदिर में ठाकुरजी के श्रीविग्रह का सुबह नौ से 11 बजे तक महाभिषेक कराया जाएगा। जन्मोत्सव के बाद ठाकुर जी को काले तिल और मिगीपागका प्रसाद अर्पित किया जाएगा। गोस्वामी ने बताया कि जिस समय ठाकुरजी का प्राकट्य हुआ था, उस समय आचार्य गोपाल भट्ट के पास तिल ही थे, जिसका प्रसाद उन्होंने ठाकुरजी को अर्पण किया। तभी से जन्मोत्सव पर ठाकुरजी को तिल का प्रसाद लगाया जाता है। इसके साथ मिगी पाग का भी भोग लगाया जाता है।
जन्माष्टमी पर्व को लेकर असम, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और हरियाणा के कृष्ण भक्त ब्रज दर्शन कर रहे हैं। असम के श्रद्धालु लड्डू गोपाल को साथ लाए हैं। राजस्थान और हरियाणा से आने वाले श्रद्धालु अपने आराध्य को गिरिराज जी की सप्तकोसीय और वृंदावन की पंचकोसीय परिक्रमा करा रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *