SSMV holds talks on Swami Vivekananda

शंकराचार्य महाविद्यालय में विवेकानंद पर संगोष्ठी का आयोजन

भिलाई. श्री शंकराचार्य महाविद्यालय एवं विवेकानंद यूथ सर्किल दुर्ग के संयुक्त तत्वाधान में सम्मान समारोह व संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित विवेकानंद यूथ सर्किल जिला दुर्ग के डॉ शांति स्वरूप दुबे प्रोफेसर आईसीएफएआई, विवेकानंद यूथ सर्किल छत्तीसगढ़ प्रांत के प्रमुख, वरिष्ठ समाजसेवी एवं विवेकानंद सर्किल दुर्ग के प्रमुख विक्रांत मिश्रा एवं महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ अर्चना झा उपस्थित रहे.
मुख्य वक्ता डॉ शांति स्वरूप दुबे ने विवेकानंद जी के जीवन की एवं उनके विचारों को बहुत अच्छे ढंग से विद्यार्थियों को बताया. उन्होंने कहा कि उस समय भारत अंग्रेजों का गुलाम था लेकिन विवेकानंद जी का एक वाक्य आज भी दुनिया मानती है. विवेकानंद जी जब भारत भ्रमण कर रहे थे तब वे तमिलनाडु पहुंचे. उनको पता चला कि एक विश्व धर्म संसद होने वाली है, अमेरिका के शिकागो में. उनसे आग्रह किया गया कि वे भारतीय संस्कृति और सनातन को इस धर्म संसद में प्रस्तुत करें.
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर अर्चना झा ने अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की शुभकामनाएं देते हुए मातृभाषा एवं विवेकानंद जी से जुड़ी बातों को विद्यार्थियों को बहुत सहज एवं सरल शब्दों में बताया. स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के अवसर पर निबंध प्रतियोगिता भाषण प्रतियोगिता एवं पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई थी इस प्रतियोगिता में जिन प्रतिभागियों ने प्रथम द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्राप्त किए उन्हें विवेकानंद यूथ सर्किल दुर्ग की संस्था द्वारा प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार वितरित किए गए तथा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया.
इस कार्यक्रम में विश्वराज पाण्डेय, गोविन्द साहू, संस्कार शर्मा, अभ्युदय शुक्ला, विवेकानंद यूथ सर्किल दुर्ग के सदस्य उपस्थित थें. इस कार्यक्रम का संचालन शिक्षा विभाग की डॉ वंदना सिंह ने किया तथा इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी एवं शिक्षा विभाग की प्राध्यापक डॉ शिल्पा कुलकर्णी का सक्रिय सहभागिता रही.

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