Teacher from across Chhattisgarh held under POCSO

पॉक्सो में धड़ाधड़ गिरफ्तार हो रहे छत्तीसगढ़ में माननीय शिक्षक

विश्वगुरू भारत में गुरूजियों का हाल बेहाल है. एक के बाद एक धड़ाधड़ उनकी गिरफ्तारी पॉक्सो (POCSO) एक्ट के तहत हो रही है. कोई निलंबित हो रहा है तो कोई बर्खास्त हो रहा है. इन शिक्षकों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे समूह में कुकृत्य करने लगे हैं. पढ़ने-पढ़ाने का शौक तो उन्हें कभी वैसे भी नहीं था. वे तो डिग्री और सर्टिफिकेट के भरोसे यहां नौकरी कर अपना और परिवार का पेट पालने आए थे. इनमें से कोई प्रायमरी मिडिल के बच्चों को द्विअर्थी चुटकुला सुना रहा है, कोई मोबाइल पर पोर्न दिखा रहा है तो कोई उनसे मालिश करवा रहा है. पिछले कुछ महीनों में इस तरह की इतनी घटनाएं सामने आई हैं कि गुरुजियों की अपनी साख दांव पर लग गई है. कबीरधाम जिले के पिपरिया थानांतर्गत एक स्कूल का गुरुजी अपनी एक छात्रा के साथ व्हाट्सअप पर अश्लील चैटिंग करता पाया गया. मंदिर हसौद पुलिस ने शासकीय कन्या पूर्व माध्यमिक शाला के एक शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया. वह छात्राओं के साथ अश्लील हरकतें करता था. जशपुर जिले के गंझियाडीह शासकीय उमा विद्यालय का एक गुरुजी परीक्षा में नंबर बढ़वाने के लिए शारीरिक संबंध बनाने की मांग करता था तो वहीं दुलदुला के एक शिक्षक ने 10वीं की छात्रा को प्रपोज किया था. बस्तर ब्लाक के दो शिक्षक शराब के नशे में धुत होकर स्कूल पहुंचते थे और छात्रों के साथ बदसलूकी करते थे. कवर्धा विकासखंड की जैतपुरी शाला का प्रधान पाठक पांचवी की एक छात्रा के साथ अश्लील वीडियो चैट करता था. स्कूल के एक शिक्षक को इसकी खबर थी पर उसने इसकी शिकायत नहीं की. दोनों को पॉक्सो और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है. बालोद जिले के मोखा हाईस्कूल के एक व्याख्याता पर छात्राओं से छेड़छाड़ करने और आपत्तिजनक हरकतों का आरोप है. पहले उसका तबादला किया गया पर शिकायतें जारी रहने पर उसे निलंबित करना पड़ा. ताजा मामला महासमुंद जिले का है. ऐतिहासिक कोमाखान की प्राथमिक शाला का एक और माध्यमिक शाला के दो शिक्षकों को पाक्सो और आईटी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है. उनपर छात्राओं से अश्लील बातें करने, भद्दे इशारे करने, मालिश करवाने और मोबाइल पर पोर्नोग्राफिक कंटेंट दिखाने के आरोप हैं. हम नहीं कहते कि सभी गुरुजी इसी तरह के हैं. आज भी ऐसे गुरुजियों की कमी नहीं है जिनके पांव छूकर बच्चे स्वयं को धन्य मानते हैं. ऐसे गुरुजियों की भी कोई कमी नहीं जो बिना कोई ट्यूशन फीस लिये बच्चों को अतिरिक्त समय देकर पढ़ाते हैं. इनमें से कई ऐसे हैं जिन्होंने अभावग्रस्त परिवारों के बच्चों को आशातीत सफलता दिलवाई है. पर कहते हैं कि एक सड़ा हुआ फल पूरी टोकरी के फलों को सड़ा देता है. यदि इस कलंक से बचना चाहते हैं तो स्वयं गुरुजियों को ही आगे आना होगा और स्कूल परिसर में घट रही ऐसी बेहूदा हरकतों को रोकने के प्रयास करने होंगे.
Display Pic Credit : news.un.org

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