Workshop on Interview Skills in SSSSMV

मस्तिष्क और जुबान का सुंदर तालमेल ही सफल साक्षात्कार का सूत्र

भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग द्वारा इंटरव्यू स्किल्स पर दो दिवसीय कार्यशाला प्रारंभ हुई. अंग्रेजी की विभागाध्यक्ष एवं कार्यशाला संचालक संयुक्ता पाढ़ी ने कहा कि साक्षात्कार के दौरान अच्छे संचार कौशल की आवश्यकता होती है. उसी उम्मीदवार को प्राथमिकता दी जाती है, जिसके पास सबसे अच्छा संचार कौशल हो. इसलिए अच्छे संचार कौशल का अभ्यास करना बहुत जरूरी है. इस कार्यशाला का आयोजन संचार कौशल के विभिन्न आयामों से विद्यार्थियों को परिचित कराने के लिए ही किया गया है.

महाविद्यालय प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कि चाहे वह मल्टीनेशनल कंपनी हो या कोई सरकारी संस्थान, अगर आपका इंटरव्यू स्किल्स अच्छा है तो किसी भी पद को प्राप्त करना मुश्किल नहीं है. अच्छा संचार कौशल सर्वोपरि है क्योंकि साक्षात्कारकर्ता अपने संचार कौशल के आधार पर साक्षात्कारकर्ता की गुणवत्ता का न्याय करता है. इंटरव्यू में आपसे कई सारे प्रश्न पूछे जाते हैं और अगर आप उन सभी के जवाब सही से देते हैं तो आपके सेलेक्ट होने की संभावना बहुत अधिक हो जाती है.
अतिथि वक्ता के रूप में शासकीय एम.एल.साहू महाविद्यालय, जामुल के राजनीति विज्ञान के सहायक प्राध्यापक बलराज ताम्रकर मौजूद थे. श्री ताम्रकर का 25 वर्षों से पीएससी और यूपीएससी की ट्रेनिंग देने का लंबा अनुभव है. अपने अनुभवों के आधार पर अनेकों अनेक प्रश्नों के माध्यम से इंटरव्यू के बारीकियों को बताया. शब्द जादू पैदा करते हैं, एक-एक शब्द का महत्व समझ कर बड़े से बड़ा इंटरव्यू पास किया जा सकता है. उत्तर देते समय एक-एक शब्दों का चुनाव तथा प्रत्येक शब्द की तमाम बारीकियों की जानकारी होनी चाहिए.
श्री ताम्रकर ने कहा कि इंटरव्यू में पूछे जाने वाले प्रश्न साधारण होते हैं परंतु उत्तर उन्हें असाधारण बनाते हैं. आंसर डिजाइन में मनोविज्ञान अति महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. इसके लिए उत्तर देते समय शब्दों का चयन ऐसा करें कि उस उत्तर से पुनः उत्पन्न होने वाले संभावित प्रश्नों का जवाब आसानी से दिया जा सके.
उन्होंने कहा कि एक विद्यार्थी को अखबार के हर एक कॉलम को इस उद्देश्य के पढ़ना चाहिए, की राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सभी खबरें उसे बहुआयामी बनाते है जो उसको साक्षात्कार को का एक सकारात्मक पहलू सामने आता है. औपचारिकता पूर्ण वार्तालाप तथा शिष्टाचार बोनस मार्क्स लाने में सहायक होते हैं. शिष्टाचार को अपने आचरण में लाएं. पूछे गए प्रश्न पर यदि साक्षात्कारकर्ता द्वारा कोई नई जानकारी दी गई हो, तो धन्यवाद कहने में देर न लगाएं. इस मनोविज्ञान के द्वारा साक्षात्कारकर्ता का भी मनोबल बढ़ता है जो कि हमारी सकारात्मक व्यक्तित्व का परिचायक है.
उन्होंने बताया कि अपनी ताकत तथा कमजोरी के अलावा अपनी उपलब्धियों की भी सूची बनाएं क्योंकि इंटरव्यू इन्हीं उपलब्धियों को सही तरीके से प्रदर्शित करने का समय है. अपनी अकादमिक गतिविधियों के अलावा स्कूल कॉलेज में भाग लिए हुए सभी सामाजिक गतिविधियों का भी जरूर उल्लेख करें. इससे आपकी लीडरशिप क्वालिटी तथा टीम स्पिरिट की भावना तथा आपका मुखर व्यक्तित्व साक्षात्कारकर्ताओं के समक्ष आयेगा.
वॉइस माड्यूलेशन के साथ भाव से परिपूर्ण उत्तर होना चाहिए, इसी को पढ़ना और गणना कहते हैं. पूछे जाने पर किसी पद पर उन गुणों का बखान करें जो आपके बायोडाटा में भी झलकता हो.
तत्पश्चात उन्होंने कहा कि इंटरव्यू के समय अत्यधिक आदर्शवादी बातें ना कह कर व्यवहारिक तौर पर अपनी बातें रखें क्योंकि केवल किताब पढ़ कर साक्षात्कार देंगे तो आपकी जुबान बोलेगी परंतु यदि अनुभव के आधार पर जवाब देंगे तो जुबान के साथ आपका शरीर तथा आपकी भाव भंगिमा भी बोलेगी. बायोडाटा में किसी किस्म की कमी होने पर कोई सफाई ना दे और ना ही झूठ बोले, अपनी कमियों को स्वीकारते हुए अपने विकास को बताइए. यह भी आपके सच्चे तथा निडर व्यक्तित्व का हिस्सा है.
कार्यशाला को सफल बनाने में हितेश सोनवानी, सहायक प्राध्यापक अंग्रेजी का विशेष योगदान रहा. कार्यशाला में महाविद्यालय के स्नातक तथा स्नातकोत्तर विद्यार्थियों तथा समस्त अध्यापकों ने भाग लिया. कार्यशाला के अंत में उन्होंने विद्यार्थियों से इंटरव्यू संबंधित कुछ प्रश्न पूछे तथा विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उन्हें जवाब भी दिया.

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