श्रीशंकराचार्य महाविद्यालय में युवा 20 शिखर सम्मेलन पर संगोष्ठी
भिलाई। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय एवं सूचना एवं प्रसारण एवं युवा कार्यक्रम एवं खेल विभाग एवं राजभवन रायपुर से प्राप्त निर्देशानुसार “The Shift from Job Seekers to Self-Employed, Entrepreneurs and Job Creators” विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी यूथ 20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया.
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. अर्चना झा ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों में उद्यमशीलता की क्षमता विकसित कर व्यवसाय को सफलतापूर्वक चलाने के लिए आवश्यक कौशल का विकास किया जाता है. कभी-कभी, छात्रों के पास कौशल हो सकता है लेकिन इसके लिए पॉलिशिंग और इन्क्यूबेशन की आवश्यकता होती है. उनके लिए यह कार्यक्रम एकदम सही है. इस कार्यक्रम में एक व्यक्ति को एक उद्यमी के रूप में विकसित करने के लिए एक संरचित प्रशिक्षण प्रक्रिया शामिल है. यह व्यक्ति को प्रभावी ढंग से एक उद्यमी की भूमिका निभाने के लिए कौशल और आवश्यक क्षमताएं हासिल करने में मदद करता है.
डॉ. जे. दुर्गा प्रसाद राव (डीन एकेडमिक्स) ने कहा कि बेरोजगारी समाज में व्याप्त एक अन्य मुद्दा है और अब समय आ गया है कि मेहंदी, स्पोकन इंग्लिश, कंप्यूटर स्किल्स जैसे किसी भी तरह के माध्यम से अपने कौशल को निखारा जाए, हमें अपने कौशल में महारत हासिल करनी चाहिए ताकि हम नौकरी देने वालेबन सकें.
तुषार त्रिपाठी, सहायक निदेशक/प्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र जिन्हें इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था, विस्तार से कहा राज्य की हालिया औद्योगिक नीति के अनुसार एमएसएमई और अन्य इकाइयों की स्थापना के संबंध में बहुत उपयोगी जानकारी साझा करते हैं (2019-2024). उन्होंने यह भी कहा कि यदि आपके विचार, क्षमता और जोखिम लेने वाले कारक हैं तो आप एक सफल उद्यमी बन सकते हैं.
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने उद्योगों के विकास के लिए पारिस्थितिकी तंत्र और कई स्टार्ट अप योजनाएं शुरू की हैं और युवाओं को व्यवसाय शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है. उन्होंने दुर्ग जिले के आस-पास के स्थान में स्थापित विभिन्न उद्योगों के बारे में भी बहुत ही रोचक तथ्य साझा किए हैं जहाँ छात्र भविष्य में अपना उद्यम स्थापित करने के लिए वहाँ जा सकते हैं और उनसे विचार ले सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि विकल्प असीमित हैं, आपूर्ति असीमित है लेकिन हमें गुणवत्ता आपूर्तिकर्ता बनना चाहिए. युवाओं को समय प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए, अनावश्यक चीजों पर समय बर्बाद किए बिना अपने भविष्य के लिए विचार तलाशने चाहिए.
कार्यक्रम का संचालन डॉ. राहुल मेने, आईक्यूएसी समन्वयक ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अनीता पांडेय, एचओडी वाणिज्य ने किया। इस अवसरपर मौजूद ठाकुर रंजीत सिंह, डॉ. नीता शर्मा, डॉ. मालती साहू, डॉ. गायत्री जय मिश्रा सहित कॉलेज के अन्य शिक्षक, गैर शिक्षक कर्मचारी साहित 50 छात्र-छात्राएं उपस्थित रहीं.