Yoga training in SSSSMV

स्वरूपानंद महाविद्यालय में तनाव मुक्त जीवन पर योग प्रशिक्षण

भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में आईक्यूएसी सेल एवं आर्ट ऑफ लिवींग के संयुक्त तत्वावधान में ‘हर घर में योग हर घर में ध्यान’ के उद्धेश्य को ध्यान में रखते हुये योग प्रशिक्षण का आयोजन किया गया जिसमें महाविद्यालय के शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक स्टॉफ शामिल हुये। प्रशिक्षणकर्ता के रूप में आर्ट ऑफ लिवींग से कुशालचंद चौहान व चन्द्रकला चौहान उपस्थित हुए।
आईक्यूएसी प्रभारी डॉ.शिवानी शर्मा विभागाध्यक्ष बॉयोटेक्नोलॉजी ने बताया अध्यापक का वर्ष भर शिक्षण मूल्यांकन कार्य, नैक व परीक्षा कार्य में संलग्न होने के कारण तनाव में गुजरता है। योग व ध्यान से मानसिक स्वास्थ्य को बरकरार रख सकते है। ध्यान से मानसिक शांति व एकाग्रता का विकास होता हैं।
प्रशिक्षक चन्द्रकला चौहान ने सर्वप्रथम मन को एकाग्र करने वाले मनोरंजक खेल के माध्यम से बताया हम कैसे अपने अवधान को ध्यान में केन्द्रित कर सकते है। इस तरह खेल-खेल में अपने तनाव को दूर कर सकते है। जब हमारे पास काम की अधिकता होती है व समय पर काम करने का दबाव होता है इससे तनाव बढ़ता हैं। इसके लिये हमें अपने काम की अधिकता समय की कमी व ऊर्जा की कमी को प्रबंधित करना होता है। हम अपने ऊर्जा के स्तर को योग व ध्यान के द्वारा बढ़ा सकते हैं। इसके लिये संतुलित भोजन आठ घंटे की नींद, सांसो के प्रति सजकता व तनाव को सांस के द्वारा अपने शरीर से निकालने की आवश्कता होती है। हम अपने फेफड़े का तीस प्रतिशत ही उपयोग करते है। प्राणायाम के द्वारा हम अपने फेफड़े का अधिक से अधिक प्रयोग कर सकते है।
कुशाल चन्द्र चौहान ने योग करने की विभिन्न तरीकों का प्रशिक्षण दिया व बताया योग सही तरीके से करना आवश्यक है इससे हमारे शरीर के जोड़ जो जाम हो गये है वे खूलने शुरू हो जाते है रक्त प्रवाह सही तरीके से होता है। इससे हममें स्फूर्ति आती है योग के द्वारा हम लंबे समय तक स्वस्थ रह सकते है।
महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा व शंकराचार्य नर्सिग महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.मोनिषा शर्मा ने कार्यक्रम आयोजन के लिये बधाई दी व कहा आज के तनावपूर्ण जिंदगी में योग व ध्यान बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अभ्यास से लंबे समय तक शरीर व मन स्वस्थ रहता है।
प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने हर घर ध्यान के तहत् योग प्रशिक्षण आयोजित करने के लिये बधाई देते हुए कहा स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मष्तिक का वास होता है अगर हम मानसिक रूप से स्वस्थ है तो तनाव मुक्त होकर कार्य कर सकते हैं। पंद्रह मिनट के मेडिटेशन से इतनी ऊर्जावान महसूस कर रहे है तो अगर एक घंटे ध्यान करे तो सारे कायनात की शक्ति हमारे पास आ जायेगी।
योग एवं ध्यान सत्र के बाद प्राध्यापकों ने अपने अनुभव बताया सहायक प्राध्यापक डॉ. शैलजा पवार ने बताया हमारे मन की सारे विकार निकल गये मैं अंदर से ऊर्जावान महसूस कर रही हॅू। सहायक प्राध्यापक डॉ.पूनम निकुम्भ ने कहा मन में एकाग्रता आई व ऐसा महसूस हुआ शरीर से आभा निकल रही है अगर हम रोज अभ्यास करें तो हम तनाव रहित रहेंगे व स्वस्थ जीवन बिता पायेगे। ध्यान केन्द्रित करने वाला खेल में डॉ.मीना मिश्रा प्रथम व स.प्रा. संजना सोलेमोन को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ। लैब अटेण्डेट यशपाल सिंह एवं अनिमेष तिवारी ने कहा कि इस योग एवं ध्यान सत्र को अपनी दिन चर्चा में शामिल कर ले तो हम तनाव मुक्त हो कर कार्य कर सकते है। बुक लिफ्टर ने नेहा भारती ने कहा कि आज के सत्र से हम तनाव मुक्त महसूस कर रहे है।
कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ.शिवानी शर्मा विभागाध्यक्ष बॉयोटेक्नोलॉजी धन्यवाद ज्ञापन खूशबू पाठक विभागाध्यक्ष प्रबंधन ने दिया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक व प्राध्यापिकायें उपस्थित हुए।

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