Dramatics in Education at MJ College

शिक्षक की गलती का पूरे समाज पर पड़ता है असर – डॉ पीके श्रीवास्तव

भिलाई। अंचल के जाने माने शिक्षाविद डॉ पीके श्रीवास्तव ने आज कहा कि एक इंजीनियर की गलती जहां धरती की सतह पर तबाही मचा सकती है वहीं एक डाक्टर की गलती व्यक्ति को धरती के नीचे दफ्न कर सकती है. पर शिक्षक की गलती इन दोनों ही प्रकार की आपदा का कारण बन सकती है. इसलिए शिक्षक को पूरी सतर्कता और ईमानदारी के साथ श्रेष्ठ पद्धति का चयन करना होगा ताकि वह ज्ञान को समग्रता के साथ विद्यार्थी तक प्रेषित कर सके.
डॉ श्रीवास्तव आज एमजे कालेज में आयोजित “ड्रामाटिक्स इन एजुकेशन” के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे. महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर एवं प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे के विशेष आग्रह पर आयोजित इस छह दिवसीय कार्यशाला का आज पहला दिन था. भिलाई में शिक्षक प्रशिक्षण की नींव रखने वाले डॉ श्रीवास्तव ने अपने लगभग पांच दशक के कर्मजीवन का निचोड़ यहां प्रस्तुत किया.
उन्होंने कहा कि शिक्षण की कोई भी एक विधि लंबे समय तक किसी क्लास में कारगर नहीं रह पाती. इसलिए उसे रोचक बनाए रखने के लिए परिवर्तन आवश्यक है. इसके साथ ही शिक्षक को अपने सभी स्किल पर ध्यान देना होगा. उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला के दौरान सिखाए जाने वाले स्किल उन्हें बेहतर और प्रभावी शिक्षक बनाने में महत्वपूर्ण साबित होंगे. उन्होंने एक सफल शिक्षक बनने के लिए आवश्यक मानवीय गुणों की विस्तार से चर्चा की और वीडियो प्रजेन्टेशन द्वारा अपनी बातों को पुष्ट किया.
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने अतिथि वक्ता का परिचय दिया. उन्होंने कहा कि शिक्षण भी एक स्किल है जिसे लगातार तराशने और आगे बढ़ाने की जरूरत होती है. उन्होंने उदाहरणों के द्वारा विद्यार्थियों से संवाद स्थापित करने के कौशल पर विशेष आलोकपात किया.
विषय प्रवेश कराते हुए इस कार्यक्रम के सूत्रधार दीपक रंजन दास ने कहा कि आज सभी क्षेत्रों में माइक्रोलेवल पर सुधार हो रहे हैं. शिक्षण जैसा महत्वपूर्ण विषय इससे अछूता नहीं रह सकता. यह कार्यशाला शिक्षण प्रशिक्षण के लिए एक पूरक कौशल विकास कार्यक्रम की तरह है जो व्यक्तित्व विकास के साथ-साथ अभिनय कौशल और वायस माड्यूलेशन के माध्यम से बेहतर कंटेंट डिलीवरी में मदद करेगा.
इस अवसर पर शिक्षा संकाय की एचओडी डॉ श्वेता भाटिया, अर्चना त्रिपाठी, ममता राहुल, शकुन्तला जलकारे, आराधना तिवारी, नेहा महाजन, सरिता ताम्रकार, डॉ तृषा शर्मा, स्नेहा चन्द्राकर सहित बड़ी संख्या में बीएड प्रशक्षार्थी उपस्थित थे.

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