National Statistics Conference in Shaildevi Mahavidyalaya

शैलदेवी महाविद्यालय में राष्ट्रीय कार्यशाला का प्रथम दिवस ज्ञानवर्धक रहा

अण्डा, दुर्ग। शैलदेवी महाविद्यालय के तत्वावधान में 20 एवं 21 अप्रैल को दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. इसका विषय स्टैटिकल टेक्निक्स फॉर डाटा एनालिसिस है. इस कार्यशाला के प्रथम दिवस के व्याख्यान का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. अरुणा पल्टा, कुलपति, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग ने किया. कार्यशाला का प्रथम दिवस प्रतिभागियों के लिए काफी ज्ञानवर्धक रहा.
इस अवसर पर राजन कुमार दुबे, अध्यक्ष शैलदेवी महाविद्यालय, संयुक्त संचालक डॉ. रजनी रॉय, डॉ. व्यास दुबे विभागाध्यक्ष सांख्यिकी विभाग एवं डॉ. प्रदीप चौरसिया सहा. प्राध्यापक पं. रविशंकर शुक्ल विवि, डॉ. श्रुति, एसोसिएट प्रोफेसर, सांख्यिकी विज्ञान अध्ययनशाला, राजश्री टंडन (खुला) वि.वि. प्रयागराज, उ. प्र. एवं डॉ. के. एन. मिश्रा आदि विद्वान मंचस्थ थे.
कुलपति डॉ अरुणा पल्टा ने कहा कि शोध कार्य में सांख्यिकी गणना के बिना आप किसी भी प्रकार के उचित परिणाम प्राप्त नहीं कर सकते. माध्य, माध्यिका और बहुलक संबंधी गणना में सांख्यिकी आवश्यक तत्व है. इस प्रकार शोध कार्य, थीसिस लेखन व डाटा प्रदर्शन आदि के लिए यह एक आवश्यक और महत्वपूर्ण साधन है. उन्होंने संक्षिप्त किंतु सारगर्भित सैद्धांतिक संकल्पना साझा की. व्याख्यान की अगली कड़ी में मुख्य वक्ता डॉ. व्यास दुबे ने कहा कि सांख्यिकी शब्द सांख्य दर्शन से उत्पन्न, गणना आधारित विज्ञान है. सांख्य दर्शन की विस्तृत व्याख्या सांख्य योग के नाम से श्रीमद्भगवद्गीता में वर्णित है. इस प्रकार सांख्यिकी के अनेक उदाहरण देते हुए आगे कहा कि माध्य, माध्यिका और बहुलक इसके तीन मुख्य बहुआयामी तत्व हैं जो गणितीय विश्लेषण में अति विशिष्ट स्थान रखते हैं.
डॉ. प्रदीप चौरसिया ने SPSS सॉफ्टवेयर पर आधारित डांटा एनालिसिस को ppt प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तारपूर्वक व्याख्यान दिया. डॉ. श्रुति ने कहा कि गणित हमें वास्तविक मूल्य प्रदान करते हैं। सांख्यिकी गणितीय विश्लेषण की आधारभूत संरचना है. उन्होंने probability, variable, attributes and Interpretation आदि महत्वपूर्ण तथ्यों को ppt प्रेजेंटेशन के माध्यम से तार्किक रूप में विभिन्न उदाहरणों द्वारा सहजता से समझाया. कार्यशाला में आए अनेक शोधार्थी, विद्यार्थी व आचार्यगण इन विशेषज्ञों के तार्किक एवम् विश्लेषणात्मक प्रदर्शन से रूबरू हुए. इस कार्यशाला का आयोजन इस सांख्यिकी के क्षेत्र में हुए व्यापक शोध व परिचर्चा का व्यापक प्रभाव ज्ञात करना है ताकि शोधार्थी इस विषय से भलीभांति परिचित हो अपने शोध व शिक्षण कार्य को सहजता से कर सकें.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *