जहां तहां फेंक रहे मानव शरीर के अंग
रायपुर। एक तरफ जहां पूरे प्रदेश में वैध अवैध नर्सिंग होमों की बात की जा रही है वहीं मझोले कद के अस्पताल इंसानियत को ताक पर रखकर काम कर रहे हैं। घुमंतू सर्जन छोटे-छोटे अस्पतालों में जाकर आपरेशन कर रहे हैं। और शहर के डस्टबिन में कभी भ्रूण, कभी कटा हुआ हाथ-पैर तो कभी काट कर अलग किया शरीर का कोई और हिस्सा मिल रहा है। more
मंगलवार सुबह जेलरोड स्थित कचरे के ढेर में कटा हुआ पैर मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। सूचना पर मौदहापारा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और कटे हुए पैर को आंबेडकर अस्पताल जांच के लिए भेज दिया है।
मौदहापारा थाना प्रभारी से मिली जानकारी के अनुसार राहगीरों ने सूचना दी कि जेल रोड स्थित कचरे में एक कार्डबोर्ड बाक्स में पॉलीथीन में लिपटा कटा हुआ पैर पड़ा हुआ है। सूचना पर मौके मेें पहुंची पुलिस ने देखा की पैर में पट्टी बंधा हुआ है। जिससे पुलिस आशंका व्यक्त कर रही है कि अस्पताल से ऑपरेशन के दौरान पैर को काटे है और यहां फेंक दिए है। पुलिस मामले में पैर को अस्पताल भेज दिया है और वहां के डॉक्टरों से पूछताछ कर रही है। ज्ञात हो कि इसी कुछ दिन पूर्व बुढ़ातालाब में भी एक महिला का कटा हुआ हाथ मिला था। जिसका अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है।
नहीं है इन्सिनरेटर : कायदे से प्रत्येक बड़े अस्पताल में, जहां प्रतिदिन कई प्रकार के आपरेशन होते हैं, इन्सिनरेटर होना चाहिए। यह वह व्यवस्था है जिसमें कटे-फटे, रोगी अंगों को बंद जगह में जलाकर नष्ट किया जाता है। जब अस्पताल में इन्सिनरेटर नहीं होता तो कटे भटे इन अंगों को पालीथीन में लपेटकर नाले या कूड़े के ढेर पर फेंक दिया जाता है।