पांच साल की बच्ची को लगाया इम्प्लांट
भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के पं. जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ अनुपम लाल ने पांच साल की एक बच्ची को हिप ज्वाइंट इम्प्लांट लगाकर चिकित्सा के क्षेत्र में एक इतिहास रच दिया है। इस उम्र के बच्चों के लिए कोई स्टैंडर्ड इम्प्लांट उपलब्ध नहीं है। संडे कैम्पस से अपनी इस उपलब्धि की चर्चा करते हुए डॉ लाल ने बताया कि इस बच्ची के कूल्हे की हड्डी में फ्रैक्चर था। जांघ की मोटी हड्डी जहां कूल्हे से जुड़ती है, यह फ्रैक्चर उस स्थान पर था। इसे हम सब ट्रॉकैन्टेरिक फीमर नेक फ्रैक्चर कहते हैं। read more
इन जोड़ों पर काम करना वैसे ही बहुत कठिन होता है। बच्चों में यह कार्य और जटिल होता है। सबसे बड़ी समस्या थी इतनी छोटी बच्ची के लिए इम्प्लांट तलाशने की। हमने पूरी दुनिया में पता लगवाया। इंप्लांट के लिए उपलब्ध लिटरेचर से हमें पता चला कि फिलहाल दुनिया भर में सिर्फ 10 वर्ष और उससे ऊपर के लोगों के लिए ही इंप्लांट उपलब्ध हैं। हमने विकल्प की तलाश की। अनेक विशेषज्ञों से चर्चा की। कुछ विशेषज्ञों ने दूसरे जोड़ों के लिए उपलब्ध इंप्लांट्स को मोडिफाई करके इस्तेमाल करने की सलाह दी। इसके बाद हमने चोटी के अस्थि विशेषज्ञों से मदद मांगी पर सभी ने यह आपरेशन करने से इंकार कर दिया। अंतत: हमने स्वयं ही यह बीड़ा उठाया। हमने बड़े बच्चों की कुहनी में लगने वाला इंप्लांट लिया और उसे मोडिफाई किया। इसके बाद उसे बच्ची में स्थापित कर दिया। दस दिन पहले किया गया यह आपरेशन सफल रहा। बच्ची की अस्पताल से छुट्टी हो चुकी है। वह फिलहाल ठीक है। पर हम उसे लगातार अपनी निगरानी में रखे हुए हैं।
उन्होंने बताया कि इस प्रयोग की रिपोर्टिंग वे अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल्स में भी करने जा रहे हैं।












