वैशालीनगर कालेज में योग पर निबन्ध लेखन
भिलाई। विश्व प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान एवं वैशालीनगर शासकीय महाविद्यालय के प्राचार्य आचार्य डॉ महेश चंद्र शर्मा ने कहा है कि योग किसी दिवस विशेष पर ही नहीं, अपितु उसे मानव जीवन दैनन्दिन अभ्यास का अंग माना गया है। स्वस्थ भारत के लिये हम सबको अनिवायर्त: योगाभ्यास करना चाहिये। इसे विज्ञानों का भी विज्ञान माना गया है। इसमें शरीर विज्ञान, मनोविज्ञान, जन्तुविज्ञान एवं समाजविज्ञान सब सम्मिलित हे। Read More
आचार्य शर्मा ने कहा कि ऋग्वेद से पतंजलि तक होते हुये आज तक इसका लाभ सारी मानवता उठा रही है। केवल मनुष्य ही क्यों? मकरासन, सर्पासन, सिंहासन, ताड़ासन, शशांक आसन एवं पवन मुक्तासन आदि से ज्ञात होता है कि सभी प्राणी और पेड़-पौधों समेत पूरी प्रकृति योगमय है। हमें इन सबसे सीखना होगा। इससे हमारा जीवन सफल होगा। डॉ. शर्मा शासकीय महाविद्यालय वैशालीनगर में ‘योग और मानव जीवनझ् पर केन्द्रित रचनात्मक लेखन कार्यक्रम के समापन दिवस पर विद्याथिर्यों और शिक्षकों को सम्बोधित कर रहे थे।
एम.एससी. रसायनशास्त्र की छात्रा कु. शशि तिवारी एवं कु. प्रज्ञा रामटेके, एम.ए. अंग्रेजी के छात्र मिर्जा मुश्ताक बेग और नितीश कुमार ने भाग लिया । उनके अच्छे निबन्ध लेखन के लिये प्राचार्य एवं शिक्षकों ने उनकी सराहना की । इस अवसर पर डॉ. एस.के. बोहरे, डॉ. सुबोध सिंह, क्रीड़ाधिकारी श्री यशवंत कुमार देशमुख, डॉ. श्रीमती अल्पा श्रीवास्तव, श्रीमती सुनीता कटरे एवं सुशील कुमार धु्रव समेत बड़ी संख्या में शिक्षक, कमर्चारी एवं विद्यार्थीगण कार्यक्रम का लाभ लेते रहे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर के निर्देशानुसार इस कार्यक्रम में सभी सहभागी शिक्षकों एवं विद्याथिर्यों की सराहना की गई।