उडिय़ा को द्वितीय भाषा बनाने का विरोध

vijay-baghelभिलाई। छत्तीसगढ़ प्रदेश कूर्मि क्षत्रिय समाज की बैठक अध्यक्ष विजय बघेल जी अध्यक्षता में 23 जनवरी को बैस भवन, डंगनिया रायपुर में आयेजित हुआ। 5 करोड़ की लागत से बहुद्देश्यीय कूर्मि भवन निर्माण प्रक्रिया जमीन रजिस्ट्री के साथ प्रारंभ हो गई है, कूर्मि समाज के दान दाताओं से अब तक 55 लाख रूपये का दान मिलने की जानकारी दी गई। बलौदाबाजार में प्रादेशिक अधिवेशन एवं कूर्मि संझा के सफल आयोजन के लिए युवा कूर्मि मित्रमण्डल भिलाई एवं बलौदाबाजार जिले के सामाजिक सहयोगियों को बधाई्र दी गई। Read More
कूर्मि समाज का मानना है कि जर्जर शैक्षणिक स्तर में सुधार के बजाय सरकार भाषायी विवाद पैदा कर रही है। कूर्मि समाज शिक्षण संस्थाओं में द्धितीय भाषा के रूप में उडिय़ा का पुरजोर विरोध करती है। छत्तीसगढ़ी भाषा को ही ठीक से लागू करे, विवादित अध्यादेश तुरंत वापस लेने का प्रस्ताव पारित किया गया।
प्रदेश सचिव दिनेश वर्मा ने बताया कि बैठक में विशेष रूप से प्रीतपाल बेलचंदन, लताऋषि चंद्राकर, चुरामन दिल्लीवार, लीलाधर चंद्राकर, मन्नूलाल परगनिहा, गोपालकृष्ण वर्मा, तारा चंद्राकर, ललित बघेल, पदूमलाल पाटनवार, संतोष पाटनवार, सुुदेश देशमुख, बलदाउ भंवर, मनोज वर्मा, टेशुलाल धुरंधर, चंद्रिका चंद्राकर, कमल वर्मा, प्रशांत चंद्राकर, मनराखन चंद्राकर, वतन चंद्राकर, मोहन हरमुख, सूदर्शन वर्मा, अयोध्या चंद्राकर, खेमलाल वर्मा, सरस्वती वर्मा, कमल वर्मा, जीवन लाल वर्मा, ईश्वरी वर्मा, शांती लाल वर्मा, देवेन्द्र वर्मा, प्रेमलता मढ़रिया, लेखराम मढ़रिया, पदमा चंद्राकर, यदूनंदन बैस, जागेश्वरी वर्मा, महेन्द्र चंद्राकर, वासुदेेव चंद्राकर, नरसिंह चंद्राकर, प्रेमलता मढ़रिया, घासीराम वर्मा व गणमान्य उपस्थित थे।

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