रुद्रमहायज्ञ की तैयारियां अंतिम चरण में

rudra mahayagya* सवा लाख दीपों से होगा दीपोत्सव * सवा करोड़ पार्थिव शिव बनाए जाएंगे

भिलाई। सेक्टर-2 की सड़क-1 में 25 मार्च से होने जा रहे रुद्र महायज्ञ की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। ऐसी मान्यता है कि रुद्र महायज्ञ के दौरान यज्ञशाला की परिक्रमा करने मात्र से जीवन के सभी दु:खों का नाश होता है। यज्ञ में भाग लेने से मलिन चित्त स्वस्थ हो जाता है। Read More
श्री हनुमंत वानरी सेना सेवा समिति द्वारा आयोजित रुद्र महायज्ञ अपने आप में अनूठा होगा। यहां विशाल यज्ञशाला के साथ ही द्वादश ज्योतिर्लिंगों की भी स्थापना झांकी रूप में की जा रही है। एक तरफ कैलाश पर्वत पर विशाल शिव प्रतिमा स्थापित हो रही है तो दूसरी तरफ विशाल पाक शाला बन रही है। यज्ञस्थल के ब्रह्मस्थान में 4 एवं 5 अप्रैल को सवा लाख दीपों के साथ विश्व कल्याण के लिए दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा जिसमें मामूली शुल्क देकर शामिल हुआ जा सकता है।
मान्यता है कि रुद्रपाठ करते हुए ब्राह्मणों की परिक्रमा करना पृथ्वी की परिक्रमा के समकक्ष माना गया है। यह विज्ञान सम्मत है। जो धन पुरुषार्थ से अर्जित किया जाता है उसका एक अंश यदि यज्ञ, जप-तप आदि धार्मिक अनुष्ठानों में लगा दिया जाए तो वह धन्य हो जाता है। अन्यथा धन अपयश और अनिष्ट को आमंत्रण देता है।
यज्ञ स्थल पर कोशलेष सवन अयोध्या के उत्तराधिकारी ज्योतिषाचार्य, व्याकरणाचार्य हरिनारायणाचार्य द्वारा रुद्र महायज्ञ पर व्याख्यान एवं विभिन्न प्रकार के अभिषेकों का महत्व, पार्थिव शिवलिंग निर्माण का महत्व एवं द्वादस ज्योतिर्लिंगों की कथा सुनाई जाएगी। प्रतिदिन संध्या 7:30 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। रुद्रमहिमा सीडी का विमोचन, नृत्य प्रतियोगिता, गायन प्रतियोगिता, नाट्य प्रतियोगिता होगी। कार्यक्रम के अंतिम दिन 6 अप्रैल को संगीतमय 108 हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा।

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