वक्त की जरूरत है ग्रीन केमेस्ट्री : डॉ यादव
दुर्ग। साइंस कालेज में सीएसआईआर एवं आईआईसीटी, हैदराबाद के पूर्व निर्देश्क एवं शांति स्वरूप भटनागर एवं जेसी बोस अवार्ड प्राप्त, अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति के वैज्ञानिक डॉ. जेएस यादव ने कैमिस्ट्री फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने सस्टेनेबल डेवलपमेंट के उद्देश्य जिन पर भारत सहित 134 देशें ने हस्ताक्षर किया है, के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुये, रसायन की भूमिका एवं इस क्षेत्र में इसके योगदान के लिये जागरूक किया। खाद्य पदार्थों, स्वास्थ्य संबंधी उत्पाद, दवायें, रिफाइनरी ऑयल से संबंधित रासायनिक क्रिया जिनमें विषैले सहउत्पाद या हानिकारक पदार्थों का उपयोग न करके, एन्जाइम हाइड्रोलिसिस क्रियाओं की जानकारी दी। स्वस्थ जीवन बिताना हो तो हमें ग्रीन कैमेस्ट्री के बारे में ज्ञान अर्जित कर उसका विभिन्न क्रियाओं में उपयोग करना होगा। साथ ही उन्होंने किसानों से, उद्योगों से रूबरू होकर वहां की समस्या से अवगत होकर, पेस्टीसाइड, आदि में ग्रीन कैमेस्ट्री आधारित क्रियाओं का इनोवेश्न करने को प्रेरित किया। उन्होंने इकोफ्रेंडली पदार्थों के उपयोग पर जोर दिया। Read More
डॉ जेएस यादव अनेक अवार्ड से अलंकृत है। इनके 1100 रिसर्च पेपर देश-विदेश में प्रकाश्ति सह लेखक के रूप में 5 पुस्तकें, 150 राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पेटेंटस है। 200 शोध छात्र इनके मार्गदर्शन में शोध उपाधि प्राप्त कर चुके हैं। इनकी विशेष रूचि नैचुरल प्रोड्क्टस, सिंथेटिक ड्रग्स, जटिल कार्बनिक यौगिकों के संश्लेषण की विधियां विकसित करने में है।
प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने इस विषय पर गंभीर चर्चा की आवश्यकता बताई। उन्होंने बताया कि देश में सतत् विकास के लिये विभिन्न योजनाएं लगातार लागू हो रही हैं। सतत विकास का आशय पारिस्थितिक संतुलन बनाये रखते हुए, प्रकृति को बिना नुकसान पहुंचाये हमें विकास करना है। इसके लिये प्राकृतिक संपदा का दोहन कम करके वैकल्पिक स्त्रोत ढंूढना होगा।
रसायन की विभागाध्यक्ष डॉ. अनुपमा अस्थाना ने मुख्य वक्ता डॉ. जेएस यादव का अकादमिक परिचय दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अजय सिंह ने एवं आभार प्रदर्शन डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने किया।