आर्ट ऑफ लिविंग ने शुरू की खुशियों की दीवार
 भिलाई। आर्ट ऑफ लिविंग के यूथ प्रोग्राम के तहत खुशियों की दीवार प्रोजेक्ट की शुरवात की गई है। इसके तहत कॉलोनी में एक दीवार को रंगों से सजाया जाता है और कोर्स पार्टिसिपेंट्स घर-घर जाकर उन्हें इस विषय में अवगत करवाते हैं और उन्हें कहते हैं कि किसी भी कारणवश उपयोग में न आने वाले कपड़े, खिलौने और सामान इस दीवार के पास रखे। उसे जरूरतमंदों में बाटा जायेगा। बहुत बार हम महँगी चीजे बच्चों की जिद में लेते है और कुछ समय उपयोग के बाद वह घर के किसी कोने में बेकार पड़ी रह जाती है। आर्ट ऑफ लिविंग की ट्रेनर डॉ अंजली वर्मा ने बताया कि एक तरफ जहां कुछ लोगों के घर उपयोगी सामान फालतू पड़ा रह जाता है वहीं बहुत सारे परिवार ऐसे हैं जो अपने बच्चों के लिए कुछ ले नहीं पाते। जब बेकार पड़ा यह सामान उन तक पहुंचता है तो उन्हें बहुत खुशी मिलती है। उनके चेहरे पर खिलने वाली यह मुस्कान आपको भी सुकून देती है।
भिलाई। आर्ट ऑफ लिविंग के यूथ प्रोग्राम के तहत खुशियों की दीवार प्रोजेक्ट की शुरवात की गई है। इसके तहत कॉलोनी में एक दीवार को रंगों से सजाया जाता है और कोर्स पार्टिसिपेंट्स घर-घर जाकर उन्हें इस विषय में अवगत करवाते हैं और उन्हें कहते हैं कि किसी भी कारणवश उपयोग में न आने वाले कपड़े, खिलौने और सामान इस दीवार के पास रखे। उसे जरूरतमंदों में बाटा जायेगा। बहुत बार हम महँगी चीजे बच्चों की जिद में लेते है और कुछ समय उपयोग के बाद वह घर के किसी कोने में बेकार पड़ी रह जाती है। आर्ट ऑफ लिविंग की ट्रेनर डॉ अंजली वर्मा ने बताया कि एक तरफ जहां कुछ लोगों के घर उपयोगी सामान फालतू पड़ा रह जाता है वहीं बहुत सारे परिवार ऐसे हैं जो अपने बच्चों के लिए कुछ ले नहीं पाते। जब बेकार पड़ा यह सामान उन तक पहुंचता है तो उन्हें बहुत खुशी मिलती है। उनके चेहरे पर खिलने वाली यह मुस्कान आपको भी सुकून देती है।
उन्होंने बताया कि पहली दीवार सूर्या विहार नेहरू नगर में बनाई गई, फिर आर्ट ऑफ लिविंग की अपनी बिल्डिंग ज्ञान मंदिर आनंद नगर, प्लाट-50, स्मृति नगर में और अब गणपति विहार दुर्ग में 29 तारीख को ये दीवार बनायी गयी। कॉलोनीवासियों ने भरपूर सहयोग दिया और उनके सहयोग से हजारों जोड़ी कपड़े और बहुत से खिलौने व सामान महज 2 घंटो में इकट्ठा हो गए। उन कपड़ो, खिलौनों और सामानों को जुनवानी, मरोदा और आसपास की बस्तियों में बांटा गया और इस तरह ये कड़ी आगे बढ़ रही है।
अगली कड़ी 7 से 12 फरवरी के युथ स्पेशल हैप्पीनेस प्रोग्राम के तहत आखिरी दिन में बनायी जायेगी। ये सेवा रायपुर शहर की कुछ कॉलोनियों में भी किया गया है और भिलाई के सूर्या विहार, ज्ञानमंदिर स्मृति नगर और गणपति विहार दुर्ग की सेवा उसके ही आगे की कड़ी है।
डॉ अंजली ने अपील की हैं कि आप लोग आगे आये और अपने एरिया में इस दीवार की जिम्मेदारी ले। जानकारी के लिए संपर्क कर सकते है 9713165581, 9584175000
कार्यक्रम में मुख्य रूप से हमारे वालंटियर पुष्पेन्द्र, रसप्रीत, सोनल, कपिल, अभिनव, निखिल, स्वपनील, निशा, तन्वी, कुनिका, आशना, महिमा, आयुष, अंकित, दिव्या, उषा, पूनम, दर्शन, प्रिया, उज्जवल, शुभम, मयंक, गरिमा, नेहा, चारु, खुशबू, रमन, कुणाल, राहुल, नम्रता, पूजा, शशांक उपस्थित थे।












