मुंबई हाई कोर्ट में पहली बार हुई Sign Language से सुनवाई
मुंबई। मुंबई हाई कोर्ट ने हत्या के आरोपी मूक-बधिर से उनका पक्ष जानने के लिए सांकेतिक भाषा का इस्तेमाल किया। कोर्ट में ऐसा पहली बार देखने को मिला और यह सुनवाई इस लिहाज से अहम है। 2 मूक बधिर मुंबई 2013 नलिनी मर्डर केस के मुख्य आरोपी हैं। जज के सामने मूक-बधिर आरोपियों का पक्ष रखने के लिए उनके माता-पिता को बुलाया गया। हत्या के मामले में आरोपी सैफरजा भावनगरी की मां और परवेज खान के पिता ने हत्या के मामले में जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों और जज के सामने अपने बच्चों का पक्ष रखा। पुलिस जो सवाल आरोपियों से पूछती थी दोनों के अभिभावक उनकी तरफ से जवाब देते थे। हत्या के मामले में कोर्ट में 90 मिनट की सुनवाई प्रक्रिया चली। मूक बधिर आरोपियों से 200 सवाल पूछे गए जिनका उत्तर उनके माता पिता ने दिए।
भावनगरी (31) और खान (33) मुंबई की नलिनी चयनानी (55) की हत्या के मुख्य आरोपी हैं। इन दोनों ने मृतक महिला की हत्या बांद्रा वेस्ट के मधुबन बिल्डिंग के दसवें फ्लोर पर की थी। नलिनी की खून से लथपथ लाश अपने पति के साथ पूल में मिली थी। आरोपी इस घटना के कुछ समय बात 12 जून को अरेस्ट कर लिए गए थे।