विजय दिवस: भारतीय सेना जहां-जहां कदम रखती गई वहां विजय मिलती गई

कोलकाता : 1971 में पाकिस्तान पर मिली ऐतिहासिक जीत में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय सेना के ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) बीके पंवार के अनुसार इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना का मौत इंतजार कर रही थी। भारतीय सेना जहां-जहां कदम रखती गई वहां विजय मिलती गई।कोलकाता : 1971 में पाकिस्तान पर मिली ऐतिहासिक जीत में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय सेना के ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) बीके पंवार के अनुसार इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना का मौत इंतजार कर रही थी। भारतीय सेना जहां-जहां कदम रखती गई वहां विजय मिलती गई। लड़ाई लड़ते हुए चारों तरफ पाकिस्तानी सेनाओं की लाश बिछा दी और उनके मंसूबे ध्वस्त कर दिए। उन्होंने कहा कि इसी का परिणाम रहा कि 93000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने समर्पण कर दिया। 1971 में मिली जीत की खुशी में 16 दिसंबर को मनाए जाने वाले विजय दिवस समारोह के उपलक्ष्य में शुक्रवार को कोलकाता के फोर्ट विलियम स्थित पूर्वी सेना कमान मुख्यालय में अपने अनुभव साझा करते हुए ब्रिगेडियर ने कहा कि इस युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई का एक अलग ही जोश था।
ब्रिगेडियर ने बताया कि इस जीत के बाद उन्हें महसूस हुआ कि चलो अब पूरी सर्विस की तनख्वाह वसूल हो गई। इस अवसर पर बांग्लादेश से आए 72 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जिनमें करीब दो दर्जन मुक्ति योद्धा थे, उन्होंने भी अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि किस तरह भारतीय सेना के सहयोग से उन्होंने पाकिस्तान को धूल चटाई। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले बांग्लादेश के आवास व लोक निर्माण मंत्री मोशर्रफ हुसैन ने भारतीय सेना को सबसे पराक्रमी बताया। इस दौरान बांग्लादेश से आए चार सांसदों व वहां की सेना में कार्यरत छह शीर्ष अधिकारियों ने भी अपने विचार रखे। इस दौरान पूर्वी सेना कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अभय कृष्णा, लेफ्टिनेंट जनरल सुनील श्रीवास्तव, पूर्व वायुसेना प्रमुख अरुप राहा सहित सेना के कई वरिष्ठ व पूर्व अधिकारी मौजूद थे।

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