बाबा रामदेव की दिव्य फार्मेसी को करना होगा 13 साल के वेतन का भुगतान

  नैनीताल। हाई कोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी दिव्य फार्मेसी को बड़ा झटका देते हुए कंपनी की विशेष अपील खारिज कर दी है। कोर्ट के फैसले के बाद अब कंपनी को 2005 के समझौते के अनुसार 96 कमर्चारियों को वेतन देय होगा और और कमर्चारियों के 13 साल के वेतन का भुगतान करना होगा।नैनीताल। हाई कोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी दिव्य फार्मेसी को बड़ा झटका देते हुए कंपनी की विशेष अपील खारिज कर दी है। कोर्ट के फैसले के बाद अब कंपनी को 2005 के समझौते के अनुसार 96 कमर्चारियों को वेतन देय होगा और और कमर्चारियों के 13 साल के वेतन का भुगतान करना होगा। मई 2005 में दिव्य फार्मेसी और कमर्चारियों के बीच वेतन को लेकर समझौता हुआ था। 2013 में कमर्चारियों ने कंपनी के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की। जिसमें कहा गया कि कंपनी समझौते के अनुसार वेतन का भुगतान नहीं कर रही है। हाई कोर्ट की सिंगलबेंच ने 2005 के समझौते को वैध करार दिया। एकलपीठ के फैसले के खिलाफ कंपनी सुप्रीम कोर्ट गई। सुप्रीम कोर्ट ने हरिद्वार के सहायक श्रमायुक्त को पूरा मामला स्पष्ट करने के निर्देश दिए थे। असिस्टेंट लेबर कमिश्नर ने माना कि 96 कमर्चारी वास्तव में 2005 के समझौते के अनुसार वेतन पाने के हकदार हैं। साथ ही उन्हें समझौते के अनुसार वेतन देने की संस्तुति भी की। लेबर कमिश्नर के इस फैसले के खिलाफ कंपनी फिर से हाई कोर्ट पहुंच गई तो हाई कोर्ट ने लेबर कमिश्नर के आदेश पर मुहर लगा दी। इसके बाद कंपनी ने फैसले के खिलाफ विशेष अपील दायर की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ व न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद एकल पीठ के आदेश को सही ठहराते हुए दिव्य फार्मेसी की विशेष अपील खारिज कर दी और कमर्चारियों के पक्ष में फैसला सुनाया।

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