बूढ़ातालाब और पुरानी बस्ती समेटे है समृद्ध अतीत की थाती

रायपुर। ऐतिहासिक शहर रायपुर के सीने में कई सौ सालों का इतिहास दफ्न है। इस शहर में कभी स्वामी विवेकानंद ने प्रवास किया था। आजादी के संघर्ष का यह शहर साक्षी है और अनेक महामनाओं के यहां चरण पड़े। कुछ ने तो इसी धरती पर जन्म लिया। इससे अलग शहर के पुरानी बस्ती इलाके में प्राचीन वास्तुकौशल की विरासत आज भी संरक्षित है।रायपुर। ऐतिहासिक शहर रायपुर के सीने में कई सौ सालों का इतिहास दफ्न है। इस शहर में कभी स्वामी विवेकानंद ने प्रवास किया था। आजादी के संघर्ष का यह शहर साक्षी है और अनेक महामनाओं के यहां चरण पड़े। कुछ ने तो इसी धरती पर जन्म लिया। इससे अलग शहर के बूढ़ातालाब और पुरानी बस्ती इलाके में प्राचीन वास्तुकौशल की विरासत आज भी संरक्षित है। Budhatalab Vivekananda रायपुर। ऐतिहासिक शहर रायपुर के सीने में कई सौ सालों का इतिहास दफ्न है। इस शहर में कभी स्वामी विवेकानंद ने प्रवास किया था। आजादी के संघर्ष का यह शहर साक्षी है और अनेक महामनाओं के यहां चरण पड़े। कुछ ने तो इसी धरती पर जन्म लिया। इससे अलग शहर के पुरानी बस्ती इलाके में प्राचीन वास्तुकौशल की विरासत आज भी संरक्षित है।रविवार 21 जनवरी को एनआईएफटी की प्रवेश परीक्षाएं थीं। भांजी दीपाली, जीजाजी आशीष एवं पत्नी अलका के साथ हम रायपुर में थे। काफी वक्त था। इस दौरान हमने बूढ़ातालाब की सैर की। कोई भी सीट सलामत नहीं मिली। पानी गंदा था। नाव टूटे पड़े थे। बहरहाल हमने यहां ऐतिहासिक शिवलिंग के दर्शन किए। स्वामी विवेकानंद की विशाल प्रतिमा के साथ सेल्फी ली। अब जब नगर निगम ने यहां शनिवार और रविवार को इस क्षेत्र में हेरीटेज वाक शुरू किया तो आगामी रायपुर प्रवास का इंतजार रहेगा।

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