स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल में मरीज को मिला नया जीवन

बिना सर्जरी के ठीक किया रीढ़ का विकार, व्हीलचेयर से मिली मुक्ति भिलाई। पिछले कई वर्षों से व्हील चेयर पर अपनी जिन्दगी गुजार रही एक महिला को स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी अस्पताल में नया जीवन मिला है। उसकी रीढ़ की बीमारी को बिना चीरफाड़ के दवाओं एवं फिजियोथेरैपी से ठीक कर दिया गया है। स्पर्श के न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ राजन तिवारी ने बताया कि 35 वर्षीय महिला की रीढ़ की हड्डी के कमर के पास के हिस्से (लम्बर वर्टिब्रे) में विकार आ गया था। इसकी वजह से मस्तिष्क से पैरों तक आने जाने वाली संवेदना में रुकावट आ गई थी।बिना सर्जरी के ठीक किया रीढ़ का विकार, व्हीलचेयर से मिली मुक्ति
भिलाई। पिछले कई वर्षों से व्हील चेयर पर अपनी जिन्दगी गुजार रही एक महिला को स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी अस्पताल में नया जीवन मिला है। उसकी रीढ़ की बीमारी को बिना चीरफाड़ के दवाओं एवं फिजियोथेरैपी से ठीक कर दिया गया है। स्पर्श के न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ राजन तिवारी ने बताया कि 35 वर्षीय महिला की रीढ़ की हड्डी के कमर के पास के हिस्से (लम्बर वर्टिब्रे) में विकार आ गया था। इसकी वजह से मस्तिष्क से पैरों तक आने जाने वाली संवेदना में रुकावट आ गई थी। मरीज के कमर से नीचे के हिस्से में लकवे जैसी स्थिति थी। वह पूरी तरह से व्हील चेयर के भरोसे हो गई थी। हमने उसी ठीक करने के लिए नॉन सर्जिकल तरीका अपनाया। औषधियों व फिजियोथेरैपी के द्वारा ही उनकी रीढ़ की हड्डी के विकार को दूर कर दिया गया। अब मरीज आराम से बिना किसी सहारे के चल फिर सकती है और अपने सारे काम काज निपटा सकती है।
डॉ राजन तिवारी ने बताया कि नॉन सर्जिकल तरीका न केवल कम खर्चीला है बल्कि सुरक्षित भी है और इसमें किसी तरह की जटिलता आने का खतरा भी नहीं आता। मरीज का उपचार न्यूरो सर्जन डॉ राजन तिवारी एवं फिजियोथेरैपिस्ट डॉ शिप्रा पाटणकर की देखरेख में किया गया।

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