एमजे कालेज में विश्व पर्यावरण दिवस पर पेड़ों को बांधे रक्षासूत्र

भिलाई। एमजे कालेज भिलाई में पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के उद्देश्य से वृक्षों को रक्षा सूत्र बांधकर पर्यावरण की रक्षा का संकल्प लिया गया। महाविद्यालय की डायरेक्टर श्रीमती श्रीलेखा विरुलकर ने कहा कि आज मानवीय कारणों से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा जिसके कारण आगे चलकर मानव के साथ ही समस्त जीव-जंतुओं के आगे अपने अस्तित्व की रक्षा करना एक कठिन चुनौती बन जाएगी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए हमें उन सभी कारकों में कटौती करनी होगी जिससे पर्यावरण एवं वातावरण की हानि हो रही है। विशिष्ट अतिथि के रूप में समन्वयक वीके चौबे भी उपस्थित थे।भिलाई। एमजे कालेज भिलाई में पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के उद्देश्य से वृक्षों को रक्षा सूत्र बांधकर पर्यावरण की रक्षा का संकल्प लिया गया। महाविद्यालय की डायरेक्टर श्रीमती श्रीलेखा विरुलकर ने कहा कि आज मानवीय कारणों से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा जिसके कारण आगे चलकर मानव के साथ ही समस्त जीव-जंतुओं के आगे अपने अस्तित्व की रक्षा करना एक कठिन चुनौती बन जाएगी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए हमें उन सभी कारकों में कटौती करनी होगी जिससे पर्यावरण एवं वातावरण की हानि हो रही है। विशिष्ट अतिथि के रूप में समन्वयक वीके चौबे भी उपस्थित थे। भिलाई। एमजे कालेज भिलाई में पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के उद्देश्य से वृक्षों को रक्षा सूत्र बांधकर पर्यावरण की रक्षा का संकल्प लिया गया। महाविद्यालय की डायरेक्टर श्रीमती श्रीलेखा विरुलकर ने कहा कि आज मानवीय कारणों से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा जिसके कारण आगे चलकर मानव के साथ ही समस्त जीव-जंतुओं के आगे अपने अस्तित्व की रक्षा करना एक कठिन चुनौती बन जाएगी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए हमें उन सभी कारकों में कटौती करनी होगी जिससे पर्यावरण एवं वातावरण की हानि हो रही है। विशिष्ट अतिथि के रूप में समन्वयक वीके चौबे भी उपस्थित थे।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ कुबेर सिंह गुरुपंच ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने 1972 में ही पर्यावरण के प्रति अपनी चिंता व्यक्त कर दी थी। 5 जून 1974 को प्रथम विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा इस अवसर पर वृक्षों को रक्षासूत्र बांधकर उनकी सुरक्षा एवं संरक्षा का संकल्प लिया गया। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों का अपव्यय, ग्लोबल वार्मिंग, वनों की कटाई, प्रदूषण, अंधाधुंध औद्योगीकरण आदि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं।
इस अवसर पर डॉ श्वेता भाटिया, अर्चना त्रिपाठी, शकुन्तला जलकारे सहित शैक्षणिक स्टाफ एवं एनएसएस इकाई के सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ जेपी कन्नौजे ने किया।

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