मध्यप्रदेश में अधिवक्ता सुरक्षा कानून लागू, छत्तीसगढ़ में आगाज उठा चुकी है मांग
भिलाई। अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए मध्यप्रदेश में अधिवक्ता सुरक्षा कानून लागू हो गया है। अब वहां अधिवक्ता को आंखें तरेरना, धमकाना या उसपर हमला करना गंभीर अपराध की श्रेणी में आ गया है। छत्तीसगढ़ में भी अधिवक्ताओं की संस्था आगाज इस कानून की मांग पिछले दो वर्षों से कर रही है। आगाज के अध्यक्ष अधिवक्ता राजेश तिवारी ने कहा कि न्याय की प्रक्रिया में अधिवक्ता किसी एक पक्ष की पैरवी करता है। इससे दूसरा पक्ष नाराज होता ही है। इस नाराजगी की अभिव्यक्ति कभी-कभी हिंसक हो जाती है। रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जगदलपुर में अधिवक्ताओं पर हमले हो चुके हैं। अधिवक्ताओं को निर्भीक होकर अपराधियों के खिलाफ पैरवी करने की आजादी होनी चाहिए। उनकी सुरक्षा के लिए प्रयास किये जाने चाहिए। इसी सिलसिले में आगाज ने दो साल पहले अधिवक्ता सुरक्षा कानून बनाने की मांग की थी और इसके बाद भी समय समय पर यह मांग उठाती रही है। अब जबकि मध्यप्रदेश इस कानून को लाने में बाजी मार गया है तो छत्तीसगढ़ शासन को भी इस मामले में पीछे नहीं रहना चाहिए।
अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए पहल करने पर अधिवक्ता राजेश तिवारी ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मध्यप्रदेश के अधिवक्ताओं को बधाई दी है।