अटल न होते तो छत्तीसगढ़ न होता, बदलाव ने दी श्रद्धांजलि

Atal Behari Vajpayeeभिलाई। “बदलाव-एक नई पहल” द्वारा स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को कैंडल मार्च के माध्यम से श्रद्धांजली अर्पित की गयी। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष शुभम शर्मा ने की। उपाध्यक्ष पुनीत वर्मा, सचिव भौमिक शर्मा, सह सचिव सतीश साहू, अमन सोनी, रनवीर सिंह राजपूत, भानु प्रताप साहू, नमन तिवारी, कैलाश साहू, संजीव दलाई, पंकज निषाद, निखिल धांडे, सूर्यांश साहू आदि सदस्यगण उपस्थित थे।कन्हैया सोनी ने अटल जी के स्वर्गवास को एक युग का अंत बताया, और कहा कि राजनेताओ ने अपने भीष्मपितामह को खो दिया जिन्होंने सत्ता सुख के लिए नहीं अपितु भारत के लोकतंत्र को जीवित रखने के लिए काम किया। उनके इसी स्वभाव ने वाजपेयी जी को तीन बार प्रधानमंत्री के पद पर कार्य करने का अवसर दिया। कार्यक्रम के अध्यक्ष शुभम शर्मा ने कहा की अटल जी ने अपने काव्य के माध्यम से हमेशा लोगों को प्रेरणा दी है…। आज का समय जहां चुनाव ने प्रतियोगिता का रूप ले लिया है वहाँ अटल जी के विरोधी ढूंढ पाना अत्यंत मुश्किल था। भारत रत्न से सम्मानित अटल जी सभी भारतीयों को हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे। आत्मा ने देह त्यागा है पर वो सकारात्मक व्यक्तित्व, कवि हमेशा हम सब के दिलो मे रहेंगे। अंत में भावुकता भरे शब्दों में कार्यक्रम अध्यक्ष ने कहा की “क्या करे कोई और होता तो टल भी जाता पर ये मृत्यु भी अटल है” उन्होंने कहा कि अटल जी नहीं होते तो छत्तीसगढ़ नही होता, हमने अपना निर्माता ही खो दिया। क्रायक्रम के अंत में “बदलाव – एक नई पहल ” के सदस्यो ने जुनवानी चौक से सूर्या टी आई मॉल चौक तक पैदल कैंडल मार्च कर अटल जी को श्रध्दांजली अर्पित कर उनकी आत्मा की शांति की कामना की।

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