कालेज में मित्र होते हैं शिक्षक, बस कंधे पर हाथ नहीं रख सकते : श्रीलेखा
भिलाई। एमजे कालेज की डायरेक्टर श्रीमती श्रीलेखा विरुलकर ने कहा कि महाविद्यालय का व्याख्याता या प्राध्यापक आपके मित्र जैसा होता है। पर कुछ मर्यादाएं भी होती हैं जैसे आप उनके कंधे पर हाथ नहीं रख सकते, अशिष्ट भाषा का उपयोग नहीं कर सकते। श्रीमती विरुलकर महाविद्यालय के नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं के इंडक्शन सह ओरिएन्टेशन समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय छात्र-जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। यहां आप अपने भावी करियर के बहुत निकट होते हैं। व्याख्याता एवं प्राध्यापक न केवल आपको विषय का अध्ययन कराते हैं बल्कि करियर चुनने और उसकी दिशा में आगे बढ़ने का रास्ता भी दिखाते हैं।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ सर्वेश जैन ने इस अवसर पर बच्चों के साथ संवाद किया। डॉ सर्वेश जैन महज 25 साल की उम्र में तीन ग्रंथों की रचना कर चुके हैं तथा पांच विश्व रिकार्ड अपने नाम कर चुके हैं। विद्यार्थियों से चर्चा करते हुए उन्होंने जीवन में सफल होने के गुर बताए। उन्होंने कहा कि आप सभी एक ही उम्र के हैं पर आपमें से कुछ लोग खिलाड़ी बनकर राष्ट्रीय स्तर पर दस्तक दे चुके हैं, कोई नृत्य में तो कोई संगीत में अपनी पहचान बना चुका है। अपने हुनर को पहचान कर थोड़ा सा परिश्रम करने पर आप सफल हो सकते हैं। अपनी दिनचर्या को उपयोगी कार्यों में बांट कर सफलता की दिशा में आप तेजी से अग्रसर हो सकते हैं।
आरंभ में स्वागत भाषण प्राचार्य डॉ कुबेर गुरुपंच ने दिया। एमजे कालेज और फार्मेसी के बारे में प्राचार्य डॉ टिकेश्वर कुमार तथा एमजे कालेज आॅफ नर्सिंग के बारे में प्राचार्य श्रीमती कन्नम्मल ने सारगर्भित जानकारी दी तथा छात्र-छात्राओं का हौसला बढ़ाया।
कार्यक्रम का प्रभावी संचालन श्रीमती चरणीत कौर ने किया। आभार प्रदर्शन डॉ श्वेता भाटिया ने किया। इस अवसर पर नर्सिंग एवं बीकाम की छात्राओं ने समूह नृत्य, बी.कॉम के छात्र ने एकल गायन, फार्मेसी स्टूडेन्ट्स ने नाटक, कम्प्यूटर साइंस की छात्राओं ने नृत्य एवं नर्सिंग की छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया।