चंद्रप्रभ प्रभु की सबसे बड़ी बिजौलिया प्रस्तर प्रतिमा हुई स्थापित

Chandraprabhभिलाई। शिवनाथ तट पर भगवान पार्श्वनाथ और सुब्रतनाथ के साथ भगवान चंद्रप्रभ की 21 फीट 3 इंच की प्रतिमा स्थापित की गई। यह प्रतिमा पद्मासन मुद्रा में देश की सबसे बड़ी प्रतिमा है। मूर्ति बिजौलिया पत्थर की बनी है। प्रतिमा का वजन लगभग 80 टन है। चंद्रप्रभ भगवान की यह प्रतिमा देवेन्द्र सजल काला परिवार ने श्री नसिया जी तीर्थ क्षेत्र को प्रदान की है। इसके साथ ही प्रख्यात जैन तीर्थों की सूची में अब दुर्ग का नाम एक बार फिर शामिल हो गया है। स्मरण रहे जैन पार्श्वतीर्थ नगपुरा को भी तीर्थ का दर्जा प्राप्त है। कार्यक्रम में विधायक अरूण वोरा, प्रताप मध्यानी, सोहन जैन, ऋषभ जैन, धीरज बाकलीवाल, कमल पाटनी, ज्ञानचंद पाटनी, महावीर गंगवाल व महिला मंडल आदर्श महिला मंडल की समस्त सदस्य उपस्थित रहीं। मंच संचालन जिनेन्द्र पाटनी ने किया। मौके पर राकेश छाबड़ा, दिलीप बाकलीवाल, पंकज छाबड़ा, अनिल गोधा, संदीप लुहाड़िया, मनोज बाकलीवाल, रमेश सेठी, सुनील लुहाड़िया, राकेश सेठी, का योगदान रहा।

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