सूत्रधार के मंच पर दिखा भावनाओं का अंतर्द्वंद्व, भावुक कर गर्इं प्रस्तुतियां

Sutradhar Natyaभिलाई। शहर के ऐतिहासिक नेहरू हाउस ऑफ कल्चर में सूत्रधार ने तीन नाटकों का मंचन किया। ‘सरजू बाग की मोनालिसा’, ‘धूप का एक टुकड़ा’ एवं ‘बातें’ का कथ्य और अदायगी, दोनों ही लोगों को भावुक कर गईं। वरिष्ठ रंगकर्मी संजीव मुखर्जी, निर्देशक संगीता बर्मन एवं युवा निर्देशक सिग्मा उपाध्याय ने यह आयोजन नाट्य कार्यशाला के समापन के अवसर पर किया था। सरजू बाग की मोनालिसा अदम गोंडवी की रचना पर आधारित है जिसमें एक किशोरी के बलात्कार और पिछड़े प्रदेशों में सवर्णों की दबंगई से जुड़ा था। संजीव मुखर्जी ने इसे बेहद संजीदगी के साथ प्रस्तुत किया। दर्शकों के रोंगटे खड़े हो गए। यह एक एकल प्रस्तुति थी।sigma-shashimohan-singh Shashi-Mohan-Prabhanjay-Chaturvedi Fantasy-Love Sutradhar presents three plays at Nehru House of Culture Bhilaiधूप का एक टुकड़ा भी एक एकल प्रस्तुति ही थी। वरिष्ठ रंगकर्मी अनिता उपाध्याय इसमें एकाकी जीवन और जिन्दगी में कहीं पीछे छूट गए खूबसूरत पलों का स्मृति चारण करती हुई दिखाई देती हैं। नाटक में प्रॉप्स की तरह एक प्रैम में एक शिशु को लिए एकाकी चित्रकार का उपयोग किया गया है। किरदार अपने आप से ही बातें करती हुई पुराने दिनों को याद करती है और प्रेम, फिर विवाह और फिर विच्छेद के दर्द को अभिव्यक्ति देने का प्रयास करती है। इसका निर्देशन असम मूल की निर्देशक संगीता बर्मन ने किया।
अंतिम नाटक ‘बातें’ नाजिम हिकमत के जीवन को रेखांकित करने का प्रयास था। इसका निर्देशन सिग्मा ने किया था। इसमें स्टेशन, क्लासरूम आदि के दृश्यों में प्रयोगधर्मिता दिखाई दी। नाजिम के जीवन के विभिन्न पड़ावों और उनके विचारों में क्रमश: आने वाली परिपक्वता का सजीव चित्रण किया गया।
सूत्रधार के इस आयोजन की सराहना करने के लिए प्रसिद्ध भजन गायक प्रभंजय चतुर्वेदी, प्रसिद्ध रंगकर्मी एवं सिने कलाकार शशिमोहन सिंह, साहित्यकार शरद कोकास, प्रदीप शर्मा, मणिमय मुखर्जी, यश ओबेराय, विभाष उपाध्याय, राजेश श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में नाट्यशिल्पी मौजूद थे।

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