एमजे कालेज में मातृभाषा दिवस : प्रत्येक क्षेत्र में भाषा से तय होगी करियर की ऊंचाई

MJ College Matribhasha Divasभिलाई। आजीविका के प्रत्येक क्षेत्र में भाषा ही करियर में सफलता का ग्राफ तय करेगी। अध्ययन, अध्यापन, सम्पर्क एवं विपणन स्लोगनों में उसकी महत्ता लगातार बढ़ेगी। इसलिए हमें अपनी मातृभाषा को सुरक्षित रखने के लिए सतत प्रयास करने होंगे। उक्त उद्गार वक्ताओं ने एमजे कालेज में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर व्यक्त किए।महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ कुबेर सिंह गुरुपंच ने अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के पृष्ठभूमि की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अन्तरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 21 फरवरी को मनाने की स्वीकृति यूनेस्को ने 17 नवंबर, 1999 को दी। इससे पहले बांग्लादेश में भाषा आन्दोलन दिवस 1952 से मनाया जाता रहा है। बांग्लादेश में इस दिन एक राष्ट्रीय अवकाश होता है।
सहा. प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने कहा कि खुल मुंह की किलकारियों के बाद जब शिशु होंठों को जोडऩा सीखता है तो पहली ध्वनि मां की और दूसरी संभवत: पा की निकालने लगता है। शिशु अपने परिवेश से सुनकर इसे सीखता है। न कोई उसे ग्रामर पढ़ाता है और न कोई उसकी कांपी जांचता है। पर यही भाषा उसके दिल के सबसे करीब होती है।
हिन्दी की सहा. प्राध्यापक रणजीता सिंह ने एक कविता के माध्यम से हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में मनाए जाने के लिए प्रेरित किया। इसमें श्रोताओं ने भी भाग लिया। कार्यक्रम में समन्वयक वीके चौबे, शिक्षा संकाय की प्रभारी डॉ श्वेता भाटिया, अर्चना त्रिपाठी, पूजा केशरी, शाहीन अंजुम, एमजे ग्रुप की स्वाति गुलाटी, सौरभ मण्डल, आशीष सोनी सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं। संचालन वाणिज्य संकाय की प्रभारी चरनीत संधु ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *