जैव विविधता पर आंच आई तो मिट जाएगा मनुष्य का अस्तित्व : श्रीलेखा

Biological Diversityभिलाई। एमजे कालेज की निदेशक श्रीलेखा विरुलकर ने आज कहा कि वैज्ञानिक प्रगति के साथ साथ संयम बहुत जरूरी हो गया है। अपनी सुख सुविधा की चाह में हम जैव विविधता के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं जिसकी हमें भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। सूर्य की किरणों से भोजन का उत्पादन करने वालों से लेकर उनपर आश्रित सभी जीव जंतु एक इको सिस्टम का हिस्सा हैं। इनमें से एक भी गया तो पूरा चक्र धराशायी हो जाएगा।Bio Diversity Dayश्रीमती विरुलकर अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर महाविद्यालय के आईक्यूएसी सेल द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि कई पक्षी विलुप्त हो चुके हैं, वातावरण का तापमान निरंतर बढ़ रहा है जिससे जीव जंतुओं की कई प्रजातियों पर खतरा मंडरा रहा है। इसमें पादप भी शामिल हैं। हमें इसे रोकने के लिए त्वरित कदम उठाने होंगे।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ कुबेर सिंह गुरुपंच ने जैव विविधता पर अपने शोध का उल्लेख करते हुए कहा कि रासायनिक खाद, अधिक उत्पादन के लिए किए जाने वाले प्रयोगों के चलते आज चावल की कई प्रजातियां नष्ट हो चुकी हैं। अब जाकर हम उनके गुणों के बारे में जान पा रहे हैं और उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपने परिवेश एवं जैव विविधता के प्रति जागरूक रहकर स्वयं अपने अस्तित्व को बचाना होगा।
MJ College of Nursingआईक्यूएसी प्रभारी अचर्ना त्रिपाठी की देखरेख में आयोजित इस कार्यक्रम को डॉ ज्योति प्रकाश कन्नौजे ने भी संबोधित किया। शिक्षा संकाय की प्रभारी डॉ श्वेता भाटिया ने धन्यवाद ज्ञापन किया। संचालन दीपक रंजन दास ने किया। इस अवसर पर नर्सिंग कालेज की प्राचार्य श्रीमती सी कन्नम्मल, फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ टी कुमार सहित सहा. प्राध्यापकों सहित छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थीं।

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