अविश एडुकॉम के युवा डिजाइनर्स ने प्रकृति से सीखा अद्भुत रंग संयोजन

भिलाई। रंगों से हमारा परिचय प्रकृति ही कराती है। हम जितना प्रकृति में डूबते हैं वह हमें उतनी ही प्यारी लगती है। यह रंग संयोजन और कोमलता का एक ऐसा संसार है जो प्रतिदिन हमें नया लगता है और इंस्पायर भी करता है। अविश एडुकॉम के डिजाइनिंग छात्रों का प्रकृति के इन्हीं रंगों से परिचय कराने और उसे अपने क्रिएशन में उतारने की प्रेरणा देने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।भिलाई। रंगों से हमारा परिचय प्रकृति ही कराती है। हम जितना प्रकृति में डूबते हैं वह हमें उतनी ही प्यारी लगती है। यह रंग संयोजन और कोमलता का एक ऐसा संसार है जो प्रतिदिन हमें नया लगता है और इंस्पायर भी करता है। अविश एडुकॉम के डिजाइनिंग छात्रों का प्रकृति के इन्हीं रंगों से परिचय कराने और उसे अपने क्रिएशन में उतारने की प्रेरणा देने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।Design-Avish-Educom-02 Design-Avish-Educom-05 Design-Avish-Educom-04 भिलाई। रंगों से हमारा परिचय प्रकृति ही कराती है। हम जितना प्रकृति में डूबते हैं वह हमें उतनी ही प्यारी लगती है। यह रंग संयोजन और कोमलता का एक ऐसा संसार है जो प्रतिदिन हमें नया लगता है और इंस्पायर भी करता है। अविश एडुकॉम के डिजाइनिंग छात्रों का प्रकृति के इन्हीं रंगों से परिचय कराने और उसे अपने क्रिएशन में उतारने की प्रेरणा देने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।नेहरू नगर भिलाई के जिम पार्क में आयोजित इस कार्यशाला की मेंटॉर अविश एडुकॉम में ड्रीम जोन की केंद्राध्यक्ष प्रिया बावनकर थी। रंग बिरंगे फूलों से लेकर सूखी-सूख रही पत्तियों, फलियों, बीजों और जो कुछ भी बच्चों के आसपास बिखरा पड़ा था, उसमें एक अद्भुत रंगसंसार छिपा हुआ था। फैशन डिजाइनिंग, इंटीरियर डेकोरेशन, वेब ग्राफिक्स एवं एनिमेशन के विद्यार्थियों ने इन्हीं रंगों और परिवेश के साथ मिलकर बनने वाले नए-नए रंग संयोजनों को देखा, समझा और फिर उसे अपने क्रिएशन में उतारने की कोशिश की।
ड्रीम जोन बच्चों की क्रिएटिविटी को निखारकर उन्हें नित नया करने के लिए प्रेरित करता है। इनोवेटिव आइडियाज के लिए हाल ही में ड्रीम जोन को गिनीज बुक में शामिल किया गया। इस कार्यशाला से बच्चे बेहद खुश थे। उन्होंने एक तरफ जहां सूखे-हरे फूल-पत्तियों-फलियों का उपयोग कर डिजाइन बनाया वहीं इन रंगों को तूलिका से कागज पर उतारने का प्रयास भी किया।
Design-Avish-Educom-01अविश एडुकॉम के संचालक नीलेश पारख ने कहा कि आप चाहे जितने भी रंग बना लें पर प्रकृति आपको समय समय पर चौंकाती रहेगी। इसलिए रंगों की समझ को विकसित करने के लिए इस तरह की आउटडोर क्लास लगाए जाते हैं।भिलाई। रंगों से हमारा परिचय प्रकृति ही कराती है। हम जितना प्रकृति में डूबते हैं वह हमें उतनी ही प्यारी लगती है। यह रंग संयोजन और कोमलता का एक ऐसा संसार है जो प्रतिदिन हमें नया लगता है और इंस्पायर भी करता है। अविश एडुकॉम के डिजाइनिंग छात्रों का प्रकृति के इन्हीं रंगों से परिचय कराने और उसे अपने क्रिएशन में उतारने की प्रेरणा देने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

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