8 रुपए किलो बिकती है वर्मी खाद, बदल सकते हैं छत्तीसगढ़ के हालात : भूपेश बघेल
भिलाई। अपनी फ्लैगशिप योजना नरवा, गरुवा, घुरवा अऊ बाड़ी को लेकर उत्साहित मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का मानना है कि इससे पूरे राज्य की तस्वीर बदल सकती है। उन्होंने कहा कि वर्मी खाद 8 रुपए किलो बिकती है और प्रदेश में लगभग सवा करोड़ मवेशी हैं। यदि सिर्फ इनके गोबर को ही खाद बनाकर बेचा जाए तो किसान मालामाल हो सकते हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यहां न्यू प्रेस क्लब ऑफ़ भिलाई के शपथ ग्रहण समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि आज पूरा विश्व रासायनिक खादों के दुष्प्रभावों की मार झेल रहा है। पंजाब जैसे कृषि उन्नत राज्य में कैंसर के मरीज सर्वाधिक हैं। छत्तीसगढ़ में भी कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। चारों तरफ आर्गेनिक खाद और उत्पादों की बातें हो रही हैं। ऐसे समय में वर्मी कम्पोस्ट खाद पर काम करने की आवश्यकता है। इससे न केवल गौपालन लाभ का व्यवसाय बन जाएगा बल्कि गौवंश की सुरक्षा भी स्वयमेव हो जाएगी। गाय को लेकर जो हत्याएं हो रही हैं, उसपर भी पूर्ण विराम लग जाएगा।
गोबर का अर्थशास्त्र बताते हुए उन्होंने कहा कि गाय दूध देना भले ही बंद कर दे पर गोबर करना बंद नहीं करती। बूढ़ी-बीमार गाय हो या बैल-सांड सभी गोबर करते हैं। इस गोबर को इकट्ठा करके इसे वर्मी कम्पोस्ट खाद में परिवर्तित करना होगा। यह खाद 8 रुपए किलोग्राम बिकता है। प्रत्येक गाय दिन में 3 से 5 किलो गोबर करती है। यदि गौठान में 100 गायें भी हों तो प्रतिदिन 2400-4000 रुपए तक की कमाई हो सकती है।
उन्होंने बताया कि सरकार प्रत्येक गौठान को 10 हजार रुपए प्रति माह प्रोत्साहन राशि दे रही है। पूरी तरह विकसित हो जाने के बाद प्रत्येक गौठान 7 से 8 लोगों को रोजगार दे सकता है। गौठान के लिए राज्य के 20 हजार गांवों में प्रत्येक में 15-15 एकड़ जमीन सुरक्षित की जा रही है। इस तरह से राज्य में 3 लाख एकड़ भूमि सुरक्षित हो जाएगी जिसपर न तो कब्जा होगा और न ही उसे बेचा या खरीदा जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने मीडिया से अपील की कि वे गौशाला में गाय की मृत्यु की खबर तो छापे पर साथ ही उन गांवों की खबरें भी छापे जहां अच्छा काम हो रहा है। ऐसा करने पर कुछ और लोग अच्छा काम करने के लिए प्रेरित होंगे। उन्होंने कहा कि गाय की सेवा और सुरक्षा से फिलहाल हम केवल भावनात्मक तौर पर जुड़े हैं। गाय की सच्ची सेवा तभी संभव है जब गौपालन को लाभ का व्यवसाय बनाया जा सके।