क्वांर नवरात्रि के उपलक्ष्य में अविश एडुकॉम में गरबा की धूम

दुर्ग। क्वांर नवरात्रि के उपलक्ष्य में अविश एडुकॉम के परिसर में डांडिया-गरबा का भव्य आयोजन किया गया। पारम्परिक वेशभूषा में सजे धजे युवाओं ने देर रात तक माँ दुर्गा को समर्पित गीतों पर डांडिया खेलकर माता की स्तुति की। रंग बिरंगे परिधानों में सजे युवाओं को समूह में नृत्य करते देखना एक अनुपम अनुभव था। अविश एडुकॉम के संचालक मनीष पारेख एवं नीलेश पारेख ने बताया कि संस्कृति के बिना हमारा कोई अस्तित्व नहीं होता।दुर्ग। क्वांर नवरात्रि के उपलक्ष्य में अविश एडुकॉम के परिसर में डांडिया-गरबा का भव्य आयोजन किया गया। पारम्परिक वेशभूषा में सजे धजे युवाओं ने देर रात तक माँ दुर्गा को समर्पित गीतों पर डांडिया खेलकर माता की स्तुति की। रंग बिरंगे परिधानों में सजे युवाओं को समूह में नृत्य करते देखना एक अनुपम अनुभव था। अविश एडुकॉम के संचालक मनीष पारेख एवं नीलेश पारेख ने बताया कि संस्कृति के बिना हमारा कोई अस्तित्व नहीं होता। दुर्ग। क्वांर नवरात्रि के उपलक्ष्य में अविश एडुकॉम के परिसर में डांडिया-गरबा का भव्य आयोजन किया गया। पारम्परिक वेशभूषा में सजे धजे युवाओं ने देर रात तक माँ दुर्गा को समर्पित गीतों पर डांडिया खेलकर माता की स्तुति की। रंग बिरंगे परिधानों में सजे युवाओं को समूह में नृत्य करते देखना एक अनुपम अनुभव था। अविश एडुकॉम के संचालक मनीष पारेख एवं नीलेश पारेख ने बताया कि संस्कृति के बिना हमारा कोई अस्तित्व नहीं होता।उन्होंने कहा कि माता की स्तुति का यह पर्व हमें न केवल अपनी मिट्टी से जोड़ता है बल्कि आत्म अनुशासन एवं समूह में कार्य करने की संस्कृति से भी हमारा परिचय कराता है। हमारा मानना है कि संस्कार भी शिक्षा का हिस्सा है जिसके बिना व्यक्तित्व अधूरा रह जाता है।
आरंभ में सभी ने एक साथ माता को चुनरी चढ़ाकर पूजा अर्चना की एवं माता के भजनों के साथ आरती भी किया। इसके बाद विभिन्न पारम्परिक एवं फ्यूजन गीतों पर देर रात तक गरबा किया गया।

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