Artist Nandini Verma at Nehru Art Gallery

नंदिनी के चित्रों में छत्तीसगढ़ी लोक जीवन की झलक

दुर्ग। शहर की अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चित्रकार नंदिनी वर्मा की पेंटिंग्स आज रायपुर के गौरव गार्डन में ‘द लोकल’ कार्यक्रम के तहत प्रदर्शित की गई हैं। उनकी तूलिका छत्तीसगढ़ के ग्रामीण जन जीवन को एक अलग नजरिये से देखती हैं। फ्लो ऑफ़ लाइफ (जीवन-धारा) की उनकी यह अभिव्यक्ति अपने परिवेश से उनके जुड़ाव को रेखांकित करती हैं। इससे पहले उनकी कृतियां देश विदेश की अनेक आर्ट गैलरियों में प्रदर्शित हो चुकी हैं। दुर्ग। शहर की अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चित्रकार नंदिनी वर्मा की पेंटिंग्स आज रायपुर के गौरव गार्डन में ‘द लोकल’ कार्यक्रम के तहत प्रदर्शित की गई हैं। उनकी तूलिका छत्तीसगढ़ के ग्रामीण जन जीवन को एक अलग नजरिये से देखती हैं। फ्लो ऑफ़ लाइफ (जीवन-धारा) की उनकी यह अभिव्यक्ति अपने परिवेश से उनके जुड़ाव को रेखांकित करती हैं। इससे पहले उनकी कृतियां देश विदेश की अनेक आर्ट गैलरियों में प्रदर्शित हो चुकी हैं।नंदिनी के पिता वन विभाग में सेवारत थे। उनका बचपन आदिवासियों और वनवासियों के बीच ही बीता। छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को करीब से देखने और जानने का मौका मिला। पर इसे अभिव्यक्ति मिली विवाह के बाद। पहले पहल उन्होंने एब्स्ट्रैक्ट पर काम किया पर जल्द ही इससे ऊब गईं। फिर वे फिगरेटिव पेंटिंग्स की तरफ बढ़ गईं। मानसपटल पर अंकित वास्तविक भाव भंगिमाओं को उन्होंने एक कलाकार का नजरिया दिया और फिर कैनवास पर मूर्त होती चली गई छत्तीसगढ़ की नारी।
नंदिनी का विवाह छत्रपति शिवाजी इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (सीएसआईटी) के चेयरमैन अजय प्रकाश वर्मा से हुई। कला के प्रति उनके रुझान को देखते हुए अजय प्रकाश ने उन्हें पेंटिंग करने का सुझाव दिया। घर पर ही सारी व्यवस्था हो गई और वे जुट गईं अपनी कल्पनाओं में रंग भरने की कोशिश में। कोशिशें कामयाब हुर्इं तो सराहना भी मिलती गई। वे नई ऊर्जा के साथ इस कार्य में जुट गईं। सीएसआईटी परिसर में प्रदर्शित उनके चित्रों ने सैकड़ों छात्र-छात्राओं को भी प्रेरित किया।
दुर्ग। शहर की अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चित्रकार नंदिनी वर्मा की पेंटिंग्स आज रायपुर के गौरव गार्डन में ‘द लोकल’ कार्यक्रम के तहत प्रदर्शित की गई हैं। उनकी तूलिका छत्तीसगढ़ के ग्रामीण जन जीवन को एक अलग नजरिये से देखती हैं। फ्लो ऑफ़ लाइफ (जीवन-धारा) की उनकी यह अभिव्यक्ति अपने परिवेश से उनके जुड़ाव को रेखांकित करती हैं। इससे पहले उनकी कृतियां देश विदेश की अनेक आर्ट गैलरियों में प्रदर्शित हो चुकी हैं।नंदिनी ने चित्रकला का कोई विधिवत प्रशिक्षण नहीं लिया है। बावजूद इसके उनकी चित्रकला में एक ठहराव दिखता है। उनके चित्र बंगाल के ख्यातिप्राप्त चित्रकारों से प्रभावित तो दिखते हैं पर उनमें एक स्वतंत्रता भी है। रंगों का सजीव मिश्रण और स्केच की स्पष्टता उनकी कृतियों की विशिष्टता है। छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति एवं परम्पराओं को आगे बढ़ाने की दिशा में और छत्तीसगढ़ी महिला को विश्व पटल पर प्रस्तुत करने की उनकी यह कोशिश रविवार 20 अक्टूबर को रायपुर के गौरव गार्डन में कला प्रेमियों के अवलोकनार्थ प्रस्तुत है।

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