अनेक उपलब्धियों के साथ कल्याण कालेज से सेवानिवृत्त हुए प्रो. डीएन शर्मा

भिलाई। रसायन शास्त्र के प्राध्यापक एवं बायोकेमिस्ट्री विभाग के अध्यक्ष डॉ डीएन शर्मा ने आज अवकाश प्राप्त कर लिया। उन्होंने 39 वर्षों तक महाविद्यालय की सेवा की। सम्प्रति सुन्दर लाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय समन्वयक एवं भारतीय राष्ट्रीय कला एवं सांस्कृतिक धरोहर निधि के भिलाई-दुर्ग संयोजक डॉ शर्मा का कार्यकाल विविध उपलब्धियों से परिपूर्ण रहा है। संगठन क्षमता, विषय की समझ एवं उत्कट जिजीविषा से परिपूर्ण डॉ शर्मा ने अविभाजित मध्यप्रदेश में भी अपनी उपलब्धियों के झंडे गाड़े थे।  भिलाई। रसायन शास्त्र के प्राध्यापक एवं बायोकेमिस्ट्री विभाग के अध्यक्ष डॉ डीएन शर्मा ने आज कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय से अवकाश प्राप्त कर लिया। उन्होंने 39 वर्षों तक महाविद्यालय की सेवा की। सम्प्रति सुन्दर लाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय समन्वयक एवं भारतीय राष्ट्रीय कला एवं सांस्कृतिक धरोहर निधि के भिलाई-दुर्ग संयोजक डॉ शर्मा का कार्यकाल विविध उपलब्धियों से परिपूर्ण रहा है। संगठन क्षमता, विषय की समझ एवं उत्कट जिजीविषा से परिपूर्ण डॉ शर्मा ने अविभाजित मध्यप्रदेश में भी अपनी उपलब्धियों के झंडे गाड़े थे।
भिलाई। रसायन शास्त्र के प्राध्यापक एवं बायोकेमिस्ट्री विभाग के अध्यक्ष डॉ डीएन शर्मा ने आज अवकाश प्राप्त कर लिया। उन्होंने 39 वर्षों तक महाविद्यालय की सेवा की। सम्प्रति सुन्दर लाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय समन्वयक एवं भारतीय राष्ट्रीय कला एवं सांस्कृतिक धरोहर निधि के भिलाई-दुर्ग संयोजक डॉ शर्मा का कार्यकाल विविध उपलब्धियों से परिपूर्ण रहा है। संगठन क्षमता, विषय की समझ एवं उत्कट जिजीविषा से परिपूर्ण डॉ शर्मा ने अविभाजित मध्यप्रदेश में भी अपनी उपलब्धियों के झंडे गाड़े थे।कल्याण महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना के मार्फत सार्वजनिक जीवन में आए डॉ शर्मा ने एनएसएस को नई ऊंचाइयां दीं। लोग आज भी उस दौर के शिविरों को याद करते हैं। जब साक्षरता आंदोलन शुरू हुआ तो उन्हें एक के बाद एक बड़ी जिम्मेदारियां मिलती गर्इं। इस अभियान ने उन्हें प्रदेश स्तर पर नेतृत्व का अवसर दिया। उनके सहयोग से अनेक पत्रकारों ने जहां ग्रामीण पत्रकारिता में उपलब्धियां हासिल कीं वहीं नवसाक्षर साहित्य सृजन, स्व सहायता समूहों का गठन, दीदी बैंकों की स्थापना में भी उन्होंने प्रेरणा पुरुष का काम किया।
सामाजिक क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराते हुए उन्होंने कुष्ठ मुक्ति, अशिक्षा, अंधविश्वास जैसे मोर्चों पर भी काम किया और अपनी छाप छोड़ी।
उन्होंने कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बतौर रसायन शास्त्र के प्राध्यापक एवं जैव-रसायन विभाग के अध्यक्ष के रूप में 39 वर्षों की सेवा दी। महाविद्यालय के प्राध्यापक संघ द्वारा आयोजित विदाई समारोह में पूर्व व वर्तमान प्राचार्यों, प्राध्यापकों प्रो. पीके श्रीवास्तव, प्रो. एआर वर्मा, प्रो. वायआर कटरे, प्रो. ए दत्ता, प्रो. एचएन दुबे, व कर्मियों ने अपनी शुभकामनाओं के साथ उन्हें विदा किया।

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