बीपी और नब्ज थी गायब, टूट रही थी सांसें, हाईटेक हॉस्पिटल में मिला नया जीवन

diffuse axonal injury treated in Hitek Superspeciality Hospitalभिलाई। हाईटेक सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल ने एक ऐसे युवक की जान बचाने में सफलता प्राप्त की है जिसकी न केवल सांसें टूटने लगी थीं बल्कि रक्तचाप और नब्ज भी डूब रही थी। मरीज को जब अस्पताल लाया गया तो वह हिचकियां ले रहा था। मरीज को तत्काल आईसीयू शिफ्ट किया गया जहां उसके रक्तचाप को स्थिर करने के साथ ही उसकी सांसों को सामान्य किया गया। 13 दिन बाद आज मरीज को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया।न्यूरोसर्जन डॉ दीपक बंसल ने बताया कि 12 फरवरी को हमने 32 वर्षीय इस मरीज को यहां रिसीव किया। वह बोरसी के पास मोटरसाइकिल से गिर गया था। उसे पहले कुछ अन्य अस्पतालों में ले जाया गया किन्तु उसकी हालत देखते हुए किसी ने भी उसे रिसीब नहीं किया। जब उसे हाईटेक में रिसीव किया गया, तब तक उसकी हालत काफी नाजुक हो चुकी थी। पर हमने हिम्मत नहीं हारी और जीवन बचाने में जुट गए।
डॉ दीपक बंसस ने कहा कि मरीज के दिमाग में ऐसी चोट लगी थी कि उसके अलग-अलग हिस्सों के बीच का सम्पर्क टूट चुका था। इसे डिफ्यूज एक्सोनल इंजरी कहते हैं। ऐसी चोट बच्चों और युवा वयस्कों में मृत्यु और विकलांगता का एक प्रमुख कारण है। डिफ्यूज एक्सोनल इंजरी (डीएआई) मुख्य रूप से मस्तिष्क में श्वेत पदार्थ पथ को प्रभावित करती है। इसका पेशेंट कोमा में जा सकता है।
उन्होंने बताया कि इन्टेंसिविस्ट डॉ जैन के साथ मिलकर मरीज की पल-पल की निगरानी की गई और हमें खुशी है कि मरीज न केवल होश में आ गया है बल्कि उठ-बैठ रहा है और प्रतिक्रिया भी दे रहा है। हाईटेक सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल की उच्च स्तरीय तकनीकी क्षमता एवं दक्ष टीम के कारम यह संभव हो पाया है।
मरीज के परिजनों ने बताया कि मरीज की हालत देखकर उनकी उम्मीद टूट चुकी थी। मरीज दो छोटे-छोटे बच्चों का पिता है। हाईटेक सुपरस्पेशालिटी की टीम ने उनकी उम्मीदों को दोबारा जीवित किया और अब मरीज की हालत तेजी से सुधर रही है।

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