शंकराचार्य महाविद्यालय में ‘लाइकेन’ पर आमंत्रित व्याख्यान का आयोजन
भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग द्वारा अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान डॉ साधना जायसवाल, सहायक अध्यापक, नागार्जुन साइंस पोस्ट ग्रैजुएट कॉलेज, रायपुर द्वारा दिया गया। डॉ साधना जायसवाल ने बताया कि लाइकेन थैलोफाइटा प्रकार की वनस्पति है जो कवक तथा शैवाल दोनों से मिलकर बनती है। इसमें कवक तथा शैवालों का संबंध परस्पर सहजीवी जैसा होता है।
उन्होंने बताया कि कवक जल, खनिज- लवण, विटामिंस आदि शैवाल को देता है और शैवाल प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा कार्बोहाइड्रेट का निर्माण कर कवक को देता है। कवक तथा शैवाल के बीच इस तरह के सहजीवी संबंध को हेलोटिस्म कहते हैं। आकार एवं संरचना के आधार पर लाइकेन को तीन वर्गों में विभाजित किया गया है- फोलिओज, फ्रुटीकोज और क्रस्टोज, लाइकेन के प्रजनन एवं महत्व के बारे में भी बताया।
महाविद्यालय के निदेशक एवं प्राचार्य डॉ रक्षा सिंह एवं जे. दुर्गा प्रसाद राव ने इस कार्यक्रम की सराहना की। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सूक्ष्म जीव विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ रचना चौधरी, सहायक प्राध्यापक आफरीन खानम, श्रद्धा विश्वकर्मा, वर्षा यादव का विशेष योगदान रहा।