ऑनलाइन रिसर्च पेपर प्रजेन्टेशन में आरसीपीएसआर की मुक्ता को प्रथम पुरस्कार

Mukta Agrawal Scholar RCPSRभिलाई। संतोष रूंगटा समूह द्वारा संचालित रूंगटा कालेज ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेस एंड रिसर्च (आरसीपीएसआर) की रिसर्च स्कॉलर मुक्ता अग्रवाल ने डिस्सो रिसर्च प्रजेन्टेशन इंडिया (डीआरपीआई-2020 ऑनलाइन) में प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर अपने महाविद्यालय के साथ साथ राज्य को भी गौरवान्वित किया है। इस प्रतियोगिता का आयोजन फार्मास्यूटिकल टीचर्स ऑफ इंडिया के सहयोग से फार्मास्यूटिकल डिसोल्यूशन साइंस ने किया था।मुक्ता अग्रवाल अलझाइमर के इलाज के लिए नाक के रास्ते मस्तिष्क तक औषधि पहुंचाने की विधि पर शोध कर रही हैं। उन्होंने अपने शोध के एक हिस्से को इस प्रतियोगिता में प्रस्तुत किया। इस शोध पत्र का विषय था “अ कम्पेयरेटिव असेसमेंट ऑफ डिसोल्यूशन प्रोफाइल ऑफ करकुमिन और पिपेरिन फ्रॉम नैनो-लिपिड कैरियर”। यह एक ऑनलाइन प्रतियोगिता थी जिसमें तीन स्तरों पर मूल्यांकन के पश्चात फाइनल राउंड में दाखिला मिला।
मुक्ता का शोध अलझाइमर के इलाज के लिए एक ऐसी कॉस्ट एफेक्टिव, पेशेंट फ्रेंडली पूर्णतः हर्बल औषधि उपलब्ध कराना है जिसे नाक के रास्ते दिया जा सके। अलझाइमर बढ़ती उम्र के साथ परेशान करने वाली एक ऐसी अवस्था है जो रोगी तथा उसके परिजनों का काफी परेशान कर सकती है। पारम्परिक रूप से इसके इलाज के लिए अब तक दी जाने वाली दवाइयों के काफी साइड इफेक्ट होते हैं और वे केवल उपसर्गों (सिम्पटम्स) का इलाज करते हैं।
मुक्ता ने अपने शोध निदेशक डॉ एजाजुद्दीन, प्राचार्य एवं एसोसिएट प्रोफेसर, रूंगटा कॉलेज ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंस एंड रिसर्च तथा डॉ अमित अलेक्जैंडर, एसोसिएट प्रोफेसर, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, गुवाहाटी-आसाम के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए उन्होंने इसका श्रेय दिया है।

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