फर्जी वीडियो से गंद फैला रहे विघ्नसंतोषी, जिम्मेदार शहरी बनें
भिलाई। एक तरफ जहां कोविड की भयावह स्थिति से निपटने अस्पताल अपनी क्षमताओं के अंतिम छोर पर हैं वहीं कुछ विघ्नसंतोषी तत्व उनकी मुश्किलों को और बढ़ा रहे हैं। फर्जी वीडियो वायरल कर न केवल अस्पतालों को बदनाम कर रहे हैं बल्कि इन कठिन परिस्थितियों में मरीजों को भी भ्रमित कर रहे हैं। यदि ऐसे आड़े वक्त में भी पुलिस और उसके सायबर सेल ने हस्तक्षेप नहीं किया तो स्थिति बदतर हो जाएगी।कचांदुर स्थित कोविड केयर सेन्टर के एक कथित वीडियो पर आपत्ति जताते हुए भिलाई नगर निगम ने कहा है कि कुछ शरारती तत्वों द्वारा कचांदूर कोविड केयर सेंटर का वीडियो बताकर दूसरे वीडियो क्लिप को वायरल किया जा रहा है। इस वीडियो का चंदूलाल चंद्राकर कोविड केयर सेंटर से कोई संबंध नहीं है। ऐसे वीडियो से दिन रात कार्य करने वाले कोरोना वारियर्स का मनोबल गिरता है।
इससे पहले भी एक ऐसा ही फर्जी वीडियो हाइटेक अस्पताल का बताकर वायरल किया जा रहा था। हाइटेक प्रबंधन ने इसकी शिकायत पुलिस प्रशासन से करते हुए वीडियो की जांच साइबर सेल से करवाने की मांग की है। साथ ही ऐसे कूटरचित वीडियो तैयार करने वालों और उन्हें शेयर करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि कोविड महामारी के इस दौर में शासकीय तथा निजि चिकित्सालय अपनी क्षमता से अधिक काम कर रहे हैं। शासकीय चिकित्सालय, शंकराचार्य मेडिकल कालेज कोविड सेन्टर, बीएसपी संचालित पं. जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र, हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल, स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल, चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कालेज अस्पताल कचांदूर सहित सभी अस्पताल अपनी क्षमता से अधिक मरीजों की देखभाल कर रहे हैं। चिकित्सक, नर्स एवं अन्य पैरामेडिकल स्टाफ 18-18 घंटे ड्यूटी कर रहे हैं। न तो वे भरपेट भोजन कर रहे हैं और न ही पर्याप्त नींद ले पा रहे हैं। इन सबका अपना स्वास्थ्य खतरे में है।
बावजूद इसके स्थिति यह है कि लोग अपने मरीजों को बेड नहीं मिल रहा। ऑक्सीजन बेड और आईसीयू की तो जबरदस्त मारामारी है। स्थिति से निपटने समाज और संगठन घर पर आक्सीजन की व्यवस्था करने का प्रयास कर रहे हैं। लोगों को भोजन पहुंचाने में लगे हैं।
इन कोरोना वारियर्स के समर्पण और जिजीविषा का सम्मान करें न करें, कम से कम उनकी मुश्किलों को तो समझें। वरना थाली और ताली बजाने में क्या रखा है। ध्यान रहे कि कोरोना के खिलाफ यह युद्ध केवल अस्पतालों का नहीं है, इसमें सबकी भूमिका जरूरी है। फालतू के वीडियो वायरल करने वाले भी जरूरत पड़ने पर इन्हीं अस्पतालों में एक बिस्तर के लिए चिरौरी विनती कर रहे होते हैं।
अपील : अपनी जिम्मेदारी को समझें। जहां जरूरी हो व्यवस्था सुधारने के लिए संबंधित अस्पताल प्रबंधन को सूचित करें, जहां तक संभव हो स्वयं भी सहयोग करें। माहौल खराब करने वालों का साथ न दें और ऐसे फर्जी वीडियो मिलने पर उसे फारवर्ड न कर पुलिस को सूचित करें।
Pic credit : The Hindu