Lecture on handling emotions

देव संस्कृति महाविद्यालय में भावनाओं पर पर ई-व्याख्यान

खपरी (दुर्ग)। देव संस्कृति महाविद्यालय में हैंडलिंग इमोशन्स पर ई-व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में शासकीय दूधाधारी बजरंग महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय रायपुर में मनोविज्ञान की प्रोफेसर डॉ उषा किरण अग्रवाल उपस्थित थीं। विशेष अतिथि ज्योति शर्मा डायरेक्टर देव संस्कृति कॉलेज एवं अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. कुबेर सिंह गुरूपंच ने की। डॉ. उषा किरण अग्रवाल ने कहा कि भावनात्मक बुद्धि में दिल और दिमाग के बीच सामंजस्य जरूरी है। उनको उचित स्थान और पर्याप्त समय देना जरूरी हैं। अगर हम दुःखी हैं तो उस फीलिंग को याद करते हुए अपनी भावना और दूसरों की भावना का सम्मान करते हुए, बिना अवरोध डाले संतुलन बनाकर रहना चाहिए। उन्होंने उदाहरण दिया कि एक दिन जब वे ऑफिस जा रही थी, तो रास्ते में एक लड़की का दुपट्टा सायकल के चक्के में फंस गया। उन्होंने अपनी गाड़ी रोककर उसकी मदद करनी चाही तो उसने मदद लेने से इंकार कर दिया। आक्रामक लोगों में दृढ़ता की कमी होती हैं। इसलिये उसमें गुस्सा एवं चिड़चिड़ापन आ जाता है। अतः लोगो के बारे में सोचकर भावनाओं को नियत्रित करें। दूसरों की भावना का आदर करें और डार्क माइंड लोगों से बचें। माइंड ब्लाइंड के आधार पर दूसरों के प्रति दूर्भावना न रखें। जिस व्यक्ति में सामाजिक बुद्धि कम हैं उसे तनाव अधिक होता हैं।
डायरेक्टर ज्योति शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में पूर्णबन्दी के दौरान घरों मे कैद रहने के कारण ज्यादातर छात्र छात्राओं मे अवसाद के लक्षण पैदा हो गये है। शारीरिक एवं मानसिक दोनों स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ा है। मानसिक संकट को शब्दों मे समझ पाना कठिन होता है परन्तु यह भय, चिंता, दुख, असुरक्षा जैसी भावना ही होती है जो कि आपको परास्त कर सकती है। अनिश्चितता और भावनात्मक कमजोरी आपके शरीर और मन को बर्बाद कर देती है। एक पल में आपके विचार आप पर हावी होने लगते है और आप तेज धूप मे अंधेरा महसूस करने लगते है।
प्राचार्य डॉ गुरूपंच ने कहा की भारतीय दर्शन का आरंभ वेदों में होता हैं और वेदों में भावना का अर्थ विचार, ख्याल, मनोभाव, मनोचिंतन, मन की कल्पना ध्यान आदि बताया गया है। भावना जिंदगी का अहम हिस्सा होता हैं इस पर नियंत्रण रखना जरूरी हैं। अतः अपनी भावनाओं को पहचाने, दिमाग में आ रहे नकारात्मक ख्यालों को दूर कर सकारात्मक विचार डाले।
इस कार्यक्रम की सफलता के लिए महाविद्यालय के प्रबंधक वासुदेव प्रसाद शर्मा ने बधाई दी। कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त स्टाफ एवं नेक समन्वयक ज्योति पुरोहित, आई.क्यू.ए.सी समन्वयक एवं महिला सेल प्रभारी ममता दुबे का सहयोग सराहनीय रहा। अतं में ममता दुबे द्वारा समस्त प्रतिभागीयों के प्रति आभार व्यक्त एवं धन्यवाद ज्ञापन किया गया। महाविद्यालय में धनेश यदु एवं टंकक भूपेश साहू का सराहनीय योगदान रहा।
मंच संचालन एवं आभार प्रदर्शन ममता दुबे ने किया। सहयोग जयहिंद कछौरिया सहायक प्राध्यापक कम्प्यूटर विज्ञान का रहा।

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