Effect of Covid on Liver Cirrhosis and transplant patients

लिवर को सीधे अपनी चपेट में ले सकता है कोविड – डॉ स्वप्निल

भिलाई। फोर्टिस हॉस्पिटल मुलुण्ड, मुम्बई के लिवर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ स्वप्निल शर्मा ने आज कहा कि फेफड़ों की तरह ही कोविड वायरस लिवर को भी सीधे अपनी चपेट में ले सकता है। पर इनमें संक्रमित होने की आशंका सामान्य मरीजों की तरह ही होती है। हालांकि संक्रमित होने के बाद उनकी स्थिति ज्यादा गंभीर हो सकती है। लिवर ट्रांसप्लांट के मरीजों के संक्रमित होने पर रोग के ज्यादा उग्र होने के अब तक कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। डॉ शर्मा यहां हाइटेक सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल से भी जुड़े हुए हैं।डॉ शर्मा ने बताया कि कोविड मरीजों की एलएफटी करने पर कई बार उनके लिवर एन्जाइम्स बढ़े हुए मिलते हैं। एसजीओटी और एसजीपीटी बढ़े रहते हैं। कोविड वायरस कुछ खास रिसेप्टर्स के जरिये सेल को इंफेक्ट करते हैं। इन्हें हम एस-2 रिसेप्टर कहते हैं। यह फेफड़ों के एल्विओलर सेल्स की तरह लिवर के कोलेंजियोसाइट सेल्स में भी पाए जाते हैं। यह सेल पित्त की थैली एवं नली की सतह पर पाया जाता है। इसी तरह यह पैंक्रिया, अंतड़ियां एवं ऑर्गन्स को भी प्रभावित कर सकता है।
कोविड संक्रमण अप्रत्यक्ष से रूप से भी इन अंगों को प्रभावित कर सकता है। कोविड पेशेंट्स में हाइपॉक्सिया या ऑक्सीजन की कमी हो जाती है जिसके कारण अन्य अंगों के साथ ही लिवर भी प्रभावित हो सकता है। तीसरा तरीका यह है कि जब कोविड-19 संक्रमण की वजह से इंफ्लामेटरी मार्कर (साइटोकीन) बढ़ने लगते हैं तो इसका प्रभाव शरीर के सभी अंगों पर पड़ने लगता है।
लिवर सिरोसिस के मरीज पहले ही रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी से जूझ रहे होते हैं। ऐसे मरीजों को किसी भी तरह के संक्रमण की चपेट में आ जाने का खतरा ज्यादा होता है। पर कोविड के मामले में अब तक के अध्ययन से यह पता चला है कि लिवर सिरोसिस के मरीजों एवं सामान्य लिवर वाले मरीजों में कोविड संक्रमण की संभावना समान है। पर जब संक्रमण हो जाता है तो लिवर सिरोसिस के मरीजों के लिए यह अधिक घातक होता है। इसलिए लिवर सिरोसिस के मरीजों को कोविड से बचने की हर संभव कोशिश करनी है। हालांकि लिवर ट्रांसप्लांट करवा चुके मरीजों में संक्रमित होने का खतरा भी ज्यादा होता है क्योंकि ये मरीज जीवन भर इम्यूनोसप्रेसेंट दवाइयों पर चलते हैं। अध्ययन और अनुभव के अनुसार लिवर ट्रांसप्लांट के लगभग 25 फीसदी मरीजों को कोविड का संक्रमण होता है पर इनकी हालत बहुत ज्यादा खराब नहीं होती। इनमें से अधिकांश मरीजों को कोविड संक्रमण होने पर दवाइयों से ही उन्हें ठीक करने में सफलता मिली है।
लिवर ट्रांसप्लांट करा चुके पुरुषों में कोविड संक्रमण के बाद फेफड़ों का संक्रमण सामान्य रहता है पर उन्हें पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

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