Post Covid Diet Webinar at St. Thomas College

सेंट थॉमस कॉलेज में पोस्ट कोविड न्यूट्रिशन पर वेबीनार

भिलाई। सेंट थॉमस महाविद्यालय में वनस्पति विज्ञान के पीजी विभाग द्वारा कोविड उपरांत स्वास्थ्य की बहाली पर 3 दिवसीय वेबिनार श्रृंखला का आयोजन किया गया। जीई फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित वेबीनार में कोविड-19 मुक्त लोगों के शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य की बहाली पर विस्तार से चर्चा की गई। पोषण विशेषज्ञ धर्मज्ञ चौहान ने लोगों को जल्द स्वास्थ्य लाभ के टिप्स दिए।महाविद्यालय के अध्यक्ष एच.जी डॉ. जोसेफ मार डायोनिसियस, प्रशासक डॉ. जोशी वर्गीस और प्रिंसिपल डॉ. एम जी रॉयमन की पहल पर आयोजित इस सामुदायिक विकास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री चौहान ने इस बात पर जोर दिया कि कोविड-19 रोगियों और जो लोग ठीक होने की राह पर हैं दोनों के लिए पोषण सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कोविड के बाद पहले दिन पोषण की जरूरत का 50 प्रतिशत और तीसरे दिन तक 70 प्रतिशत तक बढ़ाना चाहिए। धीरे-धीरे सप्ताह के अंत तक 100 प्रतिशत तक बढ़ाया जाना चाहिए। संतुलित आहार, प्रोटीन और सहनशीलता के अनुसार नियमित शारीरिक गतिविधि और सांस से संबंधित व्यायाम ही रोग नियंत्रण की कुंजी है।
दूसरी वार्ता आध्यात्मिक स्वास्थ्य पर थी। जिसमें ब्रह्माकुमारी सेक्टर -7 भिलाई की ब्रह्मकुमारी प्राची ने ‘मेरी अंत: ऊर्जा-मेरी एकमात्र शक्ति’ पर प्रेरक व्याख्यान दिया। बीके प्राची ने सुझाव दिया कि नकारात्मकता से दूर रहना, एक-दूसरे के लिए प्रार्थना करना और अपने आत्मसम्मान का निर्माण करना वर्तमान स्थिति में तनाव मुक्त रहने के कुछ तरीके हैं। कृतज्ञता और बेहतर कल की कल्पना उपचार प्रक्रिया में एक शक्तिशाली उत्प्रेरक है।
नेस्टा सर्टिफाइड न्यूट्रिशन एंड फिटनेस कोच नीतू बाजवा मल्लादी ने तीसरे दिन पोस्ट कोविड लक्षण और देखभाल पर अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने अवसाद, अनिद्रा और सांस फूलने के मुद्दों पर जानकारी दी। उन्होंने कुछ श्वास तकनीकों का भी प्रदर्शन किया। उन्होंने विटामिन डी की भूमिका और स्रोत पर चर्चा की जो प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने, अवसाद से लड़ने और नींद के तौर-तरीकों को प्रबंधित करने के लिए जाना जाता है।
सभी सत्रों के अंत में प्रतिभागियों ने भी अपनी बात रखी। आयोजन की संयोजक डॉ. विनीता थॉमस और सह-संयोजक प्रदीप पिल्लई थे। संयोजन का दायित्व डॉ ज्योति बख्शी ने निभाया जिसमें डॉ सुरुचि पारखे, जे माजू और यास्मीन हुसैन सहायक रहे।

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