Sensitization towards the needs of specially abled persons

संजय रुंगटा समूह में दिव्यांगजन संवेदीकरण कार्यक्रम

भिलाई। दिव्यांगों की जरूरतें हमसे भिन्न होती हैं। इसे समझने के लिए हम कुछ छोटे-छोटे प्रयास कर सकते हैं। जैसे आंखों पर पट्टी बांधकर चलना, एक पैर से चलने की कोशिश करना, कानों को बंद कर सुनने का प्रयास करना। इस तरह हम महसूस कर सकते हैं कि उनकी जरूरतें क्या हैंं। इस पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन संजय रूंगटा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस द्वारा संचालित रूंगटा कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में किया गया।कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी संकाय सदस्यों ने भाग लिया। विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से उन्होंने विकलांग जनों को होने वाली असुविधाओं का अनुभव किया। कार्यक्रम की आयोजक प्राचार्य डॉ तृप्ति अग्रवाल जैन ने इसे “वॉक इन द शूज” कहा। उन्होंने उन्हें अनुभव करने और उन्हें वैसे ही स्वीकार करने पर जोर दिया जैसे वे हैं। उन्होंने कहा कि जब हम विकलांगों की समस्याओं का अनुभव करते हैं, तो हमें उनके दर्द और संघर्ष का एहसास होता है और तब उनके लिए हमारा प्यार और सम्मान बढ़ जाता है।
सभी संकाय सदस्यों ने अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर अंधेरे का अनुभव किया। एक अन्य गतिविधि में सदस्यों ने सांकेतिक भाषा के माध्यम से संदेश को समझने की कोशिश की। सदस्यों ने बिना शब्दों के संदेश दिया।संकायों ने गतिविधियों के दौरान आने वाली अपनी समस्याओं और परेशानियों को साझा किया।कार्यक्रम का संचालन कुमारी अंकिता तिवारी ने किया।

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