Botany workshop at SSSSMV

स्वरूपानंद कालेज में आनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स संपन्न

भिलाई। स्वरूपांनद महाविद्यालय के वनस्पति विभाग द्वारा ‘’आर्गेनिक होमगार्डनिंग‘’ विषय पर आयोजित 15 दिवसीय आनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स का समापन पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के डॉ. एस.के. जाधव प्रो. एसओएस बायोटेक्नोलाजी के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। डॉ जाधव ने घर पर आसानी से लगाए जा सकने योग्य पौधों के बारे में विस्तार से बताया।डॉ. जाधव ने ऐसे पौधों की जानकारी दी जिनकी घर में आसानी से देख रेख की जा सकती है। उन्होंने बताया कि इलायची, दालचीनी, लौंग, कपूर आदि पौधों को भी आसानी से घर में लगाया जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों से रुचि के अनुसार पौधों का चुनाव करने को कहा। उन्होंने बताया कि सजावटी, औषधीय, सब्जी एवं फल उन पौधों को लगाया जा सकता है। सभी पौधे पर्यावरण के लिये महत्वपूर्ण है।
पन्द्रह दिवसीय कोर्स में विशेषज्ञों ने अपने अनुभवों को साझा किया। डॉ. उत्कर्ष घाटे कंसलटेंट मैनेजर एग्रीरीसर्च वाधवानी मुंबई ने फूलों के पौधों के लिए मिट्टी तैयार करना और खाद के बारे में जानकारी दी। डॉ. प्रतीक्षा पाण्डेय वनस्पतिशास्त्र विभाग भिलाई महिला महाविद्यालय ने गार्डन प्लांट्स के साथ ही कमल के पौधे लगाने तथा उसकी देखरेख की विस्तार से जानकारी दी। डॉ. दीप्ति चौहान वनस्पतिशास्त्र विभाग भिलाई महिला महाविद्यालय ने बहुत ही रोचक तरीके से पौधों की देखभाल, पानी देने के तरीके तथा ग्राफटिंग तकनीक की जानकारी दी। एक सत्र में अडेनियम के पौधों को बीच से उगाने का तरीका और मनी प्लांट के लिये मॉस स्टिक बनाना भी सिखाया।
डॉ. त्रिलोक कुमार वनस्पति विभाग शासकीय दिग्विजय कालेज, राजनांदगाव ने घर के अंदर जैसे धुंआ, पेंट, धूल आदि से फैलने वाले प्रदूषण को दूर करने वाले इंडोर प्लांट से विद्यार्थियों को अवगत कराया तथा कौन-कौन से पौधे को घर के अंदर में रख सकते है की जानकारी दी। डॉ. अलका मिश्रा प्राणीशास्त्र विभाग शासकीय वी.या.टी- तामस्कर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग ने बगीचे के लिए वर्मीकम्पोट तैयार करना तथा उसके फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
डॉ. निहारिका देवांगन वनस्पतिशास्त्र विभाग स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय भिलाई पौधो के लिये आवश्यक पोषण की जानकारी देते हुऐ किचन वेस्ट से विभिन्न प्रकार के बायोफर्टीलाईजर बनाने की विधि बताई तथा उनकी उपयोगिता से विद्यार्थियों को अवगत कराया।
कोर्स के दौरान विद्यार्थियों ने बायोफर्टिलाईजर बनाना, बीज, तना तथा कंद से पौधे उगाये घर में उपलब्ध प्लास्टिक बॉटल तथा डब्बों को पॉट की तरह उपयोग करके सुंदर सजावटी गमले बनाये व विद्यार्थियों ने अपने घरों में किचन वेस्ट से तथा बची हुई चायपत्ती से विभिन्न प्रकार के खाद तैयार किया तथा प्रयोग के रुप में इन खाद को अपने पौधों में डाला तथा रासायनिक खादो का उपयोग न करने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों को असाईमेंट दिया गया तथा प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किया गया।
मंच संचालन व धन्यवाद डा. निहारिका देवांगन विभागाध्यक्ष वनस्पतिशास्त्र ने दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में बायोटेक्नोलाजी स.प्रा. शिरीन अनवर ने विशेष सहयोग दिया।

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