Orientation at MJ College

सफलता के लिए अब “ग्लोकल माइंडसेट” जरूरी : डॉ किशोर

भिलाई। कॉरपोरेट ट्रेनर डॉ किशोर दत्ता ने आज युवाओं को “ग्लोकल माइंडसेट“ बनाने की अपील की। गुरुग्राम और पुष्कर का हवाला देते हुए उन्होंने अपनी बात को स्पष्ट किया। डॉ दत्ता एमजे कालेज के आईक्यूएसी द्वारा आयोजित ओरिएन्टेशन प्रोग्राम को संबोधित कर रहे थे।ओरिएन्टेशन प्रोग्राम का आज चौथा दिन था। इसके प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ग्लोबल और लोकल को साथ लेकर चलना होगा। हमें दुनिया से जुड़कर उनके संस्कारों, आचार व्यवहार और भाषा को समझने का प्रयास करना होगा। आज पुष्कर में इजरायली बड़ी संख्या में हैं। यहां के रेस्त्रां के सामने उनकी भाषा हिब्रू में भी इबारत लिखी मिल जाती है। इसी तरह गुरुग्राम में दक्षिण कोरियाई लोग इतनी बड़ी संख्या में हैं कि यहां कोरियाई कई रेस्त्रां खुल चुके हैं।
उन्होंने कहा कि ग्लोबल विलेज में हमें अन्य संस्कृतियों और आचार व्यवहार का ज्ञान रखना भी जरूरी है। हमारे यहां शादियों में दीवार घड़ी लेने देने का चलन है पर जापान में इसे अशुभ माना जाता है।
दुनिया भर के अपने अनुभवों को साझा करते हुए डॉ दत्ता ने जीवन में लक्ष्य निर्धारित करने तथा निरंतर आगे बढ़ने के लिए बच्चों को प्रेरित किया।
महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के दिशानिर्देशन में आयोजित इस व्याख्यान श्रृंखला के द्वितीय सत्र को फाइन आर्ट्स की प्रशिक्षक संदीप्ति झा ने संबोधित किया। उन्होंने रंग संयोजन की समझ को दैनन्दिन जीवन से जोड़ते हुए अनेक उदाहरणों से उसे स्पष्ट किया। अपने आसपास पड़ी मामूली चीजों का उपयोग कर हस्तकला निर्माण का उन्होंने प्रजेन्टेशन भी दिया।
आरंभ में स्वागत भाषण देते हुए वाणिज्य संकाय के सहायक प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने अतिथियों का परिचय प्रदान किया। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने डॉ किशोर दत्ता के व्याख्यान को सभी के लिए बेहद उपयोगी बताया। इस अवसर पर आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी, शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया, शकुन्तला जलकारे, मेघा महाजन, उर्मिला यादव, कम्पूयटर साइंस की विभागाध्यक्ष पीएम अवंतिका, विज्ञान संकाय की प्रभारी किरण तिवारी, रजनी कुमारी, अलका साहू, वाणिज्य संकाय के प्रभारी विकास सेजपाल, सहा. प्राध्यापक दीप्ति मिश्रा, काजोल दत्ता, सहित सभी विभागों के व्याख्याता एवं प्राध्याक उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *