यूथ रेड क्रॉस सोसायटी द्वारा तनाव प्रबंधन सत्र का आयोजन
दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वषासी महाविद्यालय की भारतीय यूथ रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा तनाव प्रबंधन सत्र का आयोजन स्वामी विवेकानंद ऑडियो विजुअल हॉल में हुआ। मुख्य अतिथि वक्ता के रूप में डॉ. प्रशांत अग्रवाल आमंत्रित थे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ- आरएन सिंह ने की तथा विशेष अतिथि के रूप में डॉ. एमए सिद्दीकी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि वक्ता का स्वागत एवं उनके संक्षिप्त परिचय से डॉ अंशुमाला चंदनगर द्वारा किया गया। डॉ. प्रशांत अग्रवाल अपने उद्बोधन में छात्रों एवं स्वयं सेवकों को तनाव प्रबंधन के संदर्भ में संपूर्ण जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया की तनाव से कैसे लड़ा जा सकता है तथा तनाव के महत्व व हानि पर प्रकाश डाला साथ ही साथ उन्होंने बताया की आज समाज में तनाव एक महत्वपूर्ण समस्या के रूप में उभर रही है। डॉ. प्रशांत अग्रवाल के द्वारा सेमिनार में बताया गया की तनाव से अपने आप को कैसे बचाए तनाव के क्या लाभ है और तनाव के क्या नुकसान है बताया, इस सेमिनार में विद्यार्थियों ने अपने निजी जीवन से जुड़े तनाव के बारे में डॉक्टर अग्रवाल से प्रश्न पूछे जिसका डॉक्टर अग्रवाल ने बहुत ही अच्छा उत्तर दिया और विद्यार्थियों को तनाव से कैसे अपने आप को बचाना है। क्योंकि अत्यधिक तनाव प्राण खातक साबित हो सकता है। डॉक्टर अग्रवाल ने बताया की की तनाव को अपने ऊपर हावी न होने दे। विद्यार्थियों को तनाव से बचने के लिए अपने समय का सदुपयोग करे और कम से कम इलेक्ट्रोनिक मीडिया का उपयोग करने की सलाह दी और प्रोटीन युक्त भोजन लेने की सलाह दिए तथा इसका नियंत्रण बहुत ही आवश्यक है। उन्होंने वर्तमान समय को चैलेंजिंग समय बताते हुए छात्रों को हर क्षेत्र में पूर्ण रूप से जुट जाने की प्रेरणा दी। यूथ रेडक्रॉस की कार्यक्रम अधिकारी डॉ- तरलोचन कौर ने धन्यवाद ज्ञापित किया तथा स्वयं सेवकों को आगामी सत्र में होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने रेडक्रॉस के स्वयंसेवकों को सोशल एक्टिविटी द्वारा समाज के प्रति अपने दायित्व निभाने कहा। इस कार्यक्रम में प्राध्यापक डॉ प्रतिभा शर्मा, डॉ. निशा गोस्वामी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम में युथ रेड क्रॉस के स्वयं सेवक मृदुला चौबे, सोनी, ममता, किरण, निखिल, आलोक, प्रवीण, एमएसडब्ल्यू विद्यार्थी एवं 60 से अधिक विद्यार्थियों अपनी सहभागिता प्रदान की।