एमजे कालेज ने बहादुर स्टाफ-स्टूडेन्ट्स का किया सम्मान
भिलाई। एमजे कालेज ने इस गणतंत्र दिवस पर एक शानदार पहल की है। इस अवसर पर महाविद्यालय ने परिवार के उन बहादुर सदस्यों का सम्मान किया जिन्होंने आपातकालीन स्थिति में बेहतरीन कार्यसमन्वय का परिचय देकर स्थिति पर काबू किया। इसमें प्राचार्य के साथ ही स्टाफ एवं स्टूडेन्ट्स तथा प्रबंधन के लोग शामिल थे। इसमें सूचना की गति का भी अहम योगदान रहा।
ध्वजवन्दना के बाद महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने कहा कि उन्होंने अपने परिवार के उन सदस्यों पर गर्व है जिन्होंने अपनी त्वरित निर्णय क्षमता से शार्ट सर्किट से उभरी स्थिति पर काबू पाया। यह शार्ट सर्किट छात्रावास क्षेत्र में हुआ था। प्राचार्य डॉ अनिल चौबे ने जहां तत्काल एमसीबी एवं मेन स्विच बंद किया वहीं छात्राएं मुक्ता रक्षित, टुम्पा रणा एवं नेहा साहू ने छात्रावास से सभी विद्यार्थियों को सुरक्षित बाहर निकाला। इनका कुशल नेतृत्व उप प्राचार्य (नर्सिंग) सिजी थॉमस, कविता सिन्हा एवं दीप्ति पाल कर रहे थे। प्रबंधन के वीके चौबे तथा पंकज सिन्हा ने अग्निशमन एवं पुलिस को इसकी सूचना तत्काल दे दी। स्थिति पर तुरन्त ही काबू पा लिया गया था इसलिए किसी बाहरी मदद की जरूरत नहीं पड़ी।
इससे पहले महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने कहा कि साम्प्रदायिक नेतृत्व की सोच के कारण 1947 में हमने एक त्रासद विभाज झेला है। यह हमारा संविधान ही है जिसने विभिन्न जातियों तथा सम्प्रदाय के लोगों को एक सूत्र में पिरोया है। आज स्थिति पुनः बिगड़ती दिखाई दे रही है। इसपर समय रहते रोक लगाना जरूरी है।
संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग के प्राचार्य डैनियल तमिल सेलवन ने कहा कि संविधान ने प्रत्येक भारतीय को एक समान माना है। इसलिए आज अगर हम सभी जाति-धर्म-सम्प्रदाय के लोग एक साथ बैठकर पढ़ रहे हैं, भोजन कर रहे हैं और कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। एक मजबूत और अखंड राष्ट्र की यह पहली शर्त है।
फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ विजेन्द्र सूर्यवंशी ने संविधान की विशालता की चर्चा करते हुए उसका निर्माताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।
कार्यक्रम का संचालन एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी डॉ जेपी कन्नौजे ने किया। धन्यवाद ज्ञापन एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग की उप प्राचार्य सीजी थॉमस ने किया।