श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में सजी सुरों की महफिल
भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में आयोजित सुगम संगीत के 15 दिवसीय सर्टिफिकेट कोर्स का समापन हो गया। स्वर कोकिला लता मंगेशकर एवं स्व. बप्पी लहरी के पुण्य स्मरण में आयोजित इस कार्यक्रम के अंतिम दिन प्रतिभागियों ने ऐसी प्रस्तुतियां दीं कि उस्ताद भी वाह! वाह!! कर उठे। देश विदेश में ख्यातिलब्ध संगीत शिल्पी पीटी उल्हासकुमार कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।
कार्यक्रम का शुआरंभ गणेश वन्दना से किया गया जिसमें सभी प्रतिभागियों ने सहभागिता दी। “वक्रतुण्ड महाकाय, सूर्यकोटि समप्रभ” की स्वर लहरियों ने लाइव म्यूजिक पर ऐसा समा बांधा कि सभी श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। इसके बाद एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी गईं जिसमें महाविद्यालय की निदेशक एवं प्राचार्य डॉ रक्षा सिंह ने “नाम गुम जाएगा, चेहरा ये बदल जायेगा” गाकर महफिल की शुरुआत की।
डॉ अनीता पांडे एवं डॉ लक्ष्मी वर्मा ने जहां “शक्ति हमें देना” की खूबसूरत प्रस्तुति दी वहीं ज्योति मिश्रा ने “अच्युतम केशवम..” प्रस्तुत किया। अंकिता आदित्य ने “खामोशियां”, संस्कृति सेन ने “उड़ी” को बड़ी खूबसूरती से निभाया। वयोवृद्ध पारिजात झा की प्रस्तुति “तेरे बिना जिया लागे ना” को अपनी आवाज से एक नया अंदाज दिया। मीता चुग, प्रियंका साहू, पूर्णिमा दीक्षित, श्री नायर, अंकिता दत्ता, राजलक्ष्मी, शर्मिष्ठा पवार, ओमना कृष्ण कुमार, उज्जवला भोसले, विद्या भट्टाचार्य, पुष्पा यादव, शुभम की प्रस्तुतियों को भी खूब सराहना मिली।
डॉ रक्षा सिंह ने इस कार्यशाला के गुरू दीपेन्द्र हालदार के साथ सुदर्शन फकीर की गजल “ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो” की खूबसूरत प्रस्तुति दी। जगजीत-चित्रा की पुरकशिश आवाज में मशहूर इस गजल को स्वरशिल्पी दीपेन्द्र हालदार ने एक रूप में पेश किया। छात्रा राजलक्ष्मी घोष ने “जिया जले जान जले..” पर खूबसूरत नृत्य प्रस्तुत किया। लोकेश ने एकल नृत्य दिवंगत बप्पी लहरीजी को समर्पित किया।
मुख्य अतिथि उल्लास कुमार, संगीत शिक्षक दीपेंद्र हालदार, चलपति राव एवं रामचंद्र सरपे ने खूबसूरत अतिथि प्रस्तुति दी। अतिथियों ने इस 15 दिवसीय गायन कार्यशाला के सफल समापन पर श्री शंकराचार्य कालेज प्रबंधन को बधाई दी तथा सभी सफल प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर उनकी हौसलाअफजाई की।