Battery extracted from a boys stomach

चार दिन पहले निगल गया था बैटरी, बिना चीरफाड़ के निकाला

भिलाई। हाईटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल में एक सात वर्षीय बालक के पेट से पेन्सिल बैटरी निकाली गई। बालक ने चार दिन पहले धोखे से बैटरी को निगल लिया था जो उसके आमाशय में जाकर फंस गया था। कई अस्पताल भटकने के बाद उसे हाइटेक लाया गया जहां मिनटों में उसकी समस्या का समाधान हो गया।
हाईटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ आशीष देवांगन ने बताया कि आमाशय में धोखे से चली गई चीजों को निकालने के लिए एंडोस्कोप का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें आमतौर पर सिक्के, बटन, डेन्चर, ढक्कन, खिलौने के टुकड़े जैसी चीजें होती हैं। बैटरी मिलने का यह पहला केस था। चार दिन से पेट में पड़े बैटरी का खोल गलने लगा था और लीक भी हो रहा था। इसकी वजह से आमाशय में छाले भी पड़ गए थे।
डॉ आशीष ने बताया कि बैटरी को निकालने थोड़ा ट्रिकी होता है। इसे बीच से पकड़कर खींचा नहीं जा सकता क्योंकि एक तो यह आड़ा निकल नहीं आ सकता दूसरे इससे बैटरी के पिचकने या फटने की संभावना होती है। किस्मत अच्छी थी कि बैटरी थोड़ी कोशिशों के बाद ही सही ढंग से पकड़ में आ गई। चार-पांच मिनट के अंदर ही प्रोसीजर सम्पन्न हो गया। दो घंटे आब्जरवेशन में रखने के बाद उसे छुट्टी दे दी गई।

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